उत्तरप्रदेश | किठौर और खरखौदा पुलिस की तमंचागिरी का खुलासा होने के बाद मेरठ पुलिस की किरकिरी हो रही है. पिछले कुछ माह में लोगों के उत्पीड़न की शिकायतें भी बाहर आ रही हैं, जिसमें पुलिसकर्मियों ने उन्हें साजिश करके फंसाया है.
किठौर पुलिस के खिलाफ भी सोशल मीडिया पर लोगों ने मोर्चा खोल दिया है. वसूली के आरोप लगाए जा रहे हैं और इन पुराने मामलों में भी जांच की मांग की जा रही है. वहीं, पटाखा मामले में भी किठौर पुलिस की जांच कराए जाने और एक अन्य पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग शुरू हो गई है.
किठौर पुलिस ने राधना गांव निवासी फिरोज पर तमंचा रखने का आरोप लगाकर स्कूटी कब्जे में ली थी. इस दौरान न तो किसी अधिकारी को सूचना दी गई और न ही थानेदार को जानकारी दी गई. इसके बाद 50 हजार रुपये की रकम वसूलकर स्कूटी को बिना किसी कार्रवाई के छोड़ दिया गया. शिकायत के बाद पुलिस की किरकिरी हुई. इसके बावजूद पुलिस अफसर कार्रवाई को तैयार नहीं हुए.
इस मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य से शिकायत के बाद पुलिस अधिकारियों को फटकार लगी और कार्रवाई का निर्देश दिया गया. इसके बाद किठौर थाने के हेड कांस्टेबल चौबे सिंह, कांस्टेबल ओमवीर सिंह और चालक कांस्टेबल अनिल कुमार को सस्पेंड करते हुए तीनों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई.
एक कारखास कार्रवाई से बच गया
पटाखा मामले में पुलिस टीम किठौर थाने के एक कांस्टेबल की कार लेकर मौके पर दबिश देने पहुंची थी. यहां से छोटा हाथी में भरकर पटाखे लाए गए थे, लेकिन बरामदगी के नाम पर कुछ एक पटाखे दिखाए गए. ऐसे में साफ है कि बाकी पटाखें सेटिंग करके छोड़े गए. पूरे मामले में वीडियो सामने आने के बाद यह भी खुलासा हुआ कि जिस कांस्टेबल की कार में पुलिस मौके पर गई, यह कांस्टेबल कारखास है. फिलहाल की कार्रवाई में यह कांस्टेबल बच गया है.
थाने की गाड़ी से जहां मन आया, वहां डाली दबिश
थाने में कारखास व्यवस्था दोबारा शुरू हो गई है. पूर्व में एसएसपी रहे प्रभाकर चौधरी ने एलआईयू से जांच कराते हुए जिलेभर के थानों में थानेदारों के कारखास 75 पुलिस कर्मियों की लिस्ट बनवाई थी और एक ही रात में इन्हें लाइन हाजिर कर दिया गया था. इन्हें स्पेशल 75 का नाम दिया गया था और जब तक एसएसपी प्रभाकर चौधरी जिले में रहे, इन पुलिस कर्मियों से सिर्फ कानून व्यवस्था के संबंध में ड्यूटी कराई गई. एसएसपी के ट्रांसफर के बाद दोबारा से वही कारखास की व्यवस्था शुरू हो गई है.