24 साल तक पकड़ नहीं पाई थी पुलिस, फूलन देवी को किडनैप करने वाले डाकू छेदा सिंह की मौत

Update: 2022-07-26 13:41 GMT

चंबल के बीहड़ों में आतंक का पर्याय बनने लेकर देश की संसद तक सफर तय करने वाली दस्‍यु सुंदरी (Bandt Queen) फूलन देवी के अपहरण के आरोपी रहे छेदा सिंह की मौत हो गई। एक जमाने में छेदा सिंह की बीहड़ों में तूती बोलती थी। उसे 24 साल तक पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई थी।

वह 1981 में हुए फुलन देवी के अपहरण में शामिल था। 24 साल बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। उस वक्‍त उस पर 50 हजार रुपए का इनाम था। 27 जून को इटावा जेल में दाखिल किए जाने के बाद छेदा सिंह की तबि‍यत खराब हो गई थी। इसके बाद उसे सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में भर्ती कराया गया था।

डाक्‍टरों के अनुसार उसे टीबी की बीमारी थी। सोमवार की शाम इलाज के दौरान सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में ही उसकी मौत हो गई। औरैया जिले के थाना अयाना के गांव भातौन के रहने वाले 65 वर्षीय छेदा सिंह को 26 जून, 2022 को चित्रकूट से गिरफ्तार किया गया था। उसी दिन वह जिला जेल में दाखिल हुआ था। कुख्यात डकैत विक्रम मल्लाह के ठिकाने से फूलन देवी का अपहरण हुआ था जिसमें छेदा सिंह भी शामिल था। लालाराम गैंग द्वारा फूलन देवी का अपहरण किया गया था। गैंग के चंगुल से छूटने के बाद फूलन देवी ने बेहमई नरसंहार को अंजाम दिया था।

24 सालों बाद पुलिस छेदा सिंह को गिरफ्तार करने में सफल रही थी। वह चित्रकूट में बाबा के भेष में रह रहा था। छेदा ने पुलिस को फूलन देवी के अपहरण से लेकर बेहमई नरसंहार तक की पूरी कहानी बताई थी। छेदा बढ़ती उम्र के साथ टीबी की बीमारी से भी जूझ रहा था। गिरफ्तारी के बाद उसे 27 जून को सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था। वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ. रामधनी ने बताया सोमवार देर शाम छेदा सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई।

वह साधु वेष में चित्रकूट के एक मठ में छिपकर लम्‍बे समय तक रहा था। छेदा सिंह पर 1981 में बेहमई कांड से पहले विक्रम मल्‍लाह के ठिकाने से फूलन देवी का अपहरण करने का आरोप लगा था। वह अपहरण करने वाले डकैतों में शामिल था।

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