उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जनपद में दुष्कर्म समेत कई मामलों में वांछित चल रहे 25 हजार के इनामी खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बहनोई दिलशाद के मकान पर रविवार को जनपद की पुलिस ने गैर जमानती वारंट चस्पा कर दिए। मिर्जापुर पुलिस रविवार को क्षेत्र में पहुुंची और यहा खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल और उसके बहनोई दिलशाद के मकानों पर कोर्ट का नोटिस चस्पा कर दिए।
कार्रवाई के दौरान सीओ बेहट मनीष चंद्र ने अनाउंसमेंट कर कहा कि यदि सात दिनों में हाजी इकबाल और उसका बहनोई कोर्ट में पेश नहीं हुए तो कोर्ट के आदेश पर उनके मकानों की कुर्की की जाएगी। इस दौरान भारी पुलिस-बल मौजूद रहा। उल्लेखनीय है कि किशोरी से दुष्कर्म और धोखाधड़ी के मामले में हाजी इकबाल को हाईकोर्ट इलाहाबाद से राहत नहीं मिली थी। उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने पर स्थानीय न्यायालय ने इन मामलों में 4 अगस्त को हाजी इकबाल और उसके बहनोई दिलशाद के गैर जमानती वारंट जारी किए थे। कोर्ट के आदेश पर रविवार को पुलिस ने दोनों के मकान पर एनबीडब्ल्यू के नोटिस चस्पा किए।
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि मिर्जापुर पोल निवासी खनन माफिया पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल उर्फ बाला पर कई मामले दर्ज हैं। वह काफी समय से फरार चल रहा है। हिस्ट्रीशीटर हाजी इकबाल पर 25 हजार का इनाम भी घोषित किया गया है। गैंंगस्टर की कार्रवाई भी हुई है। जिसके आधार पर उसकी 128 करोड़ की 174 संपत्तियां भी जब्त की गई है।
इकबाल उर्फ बाला व उसके पुत्रों एवं रिश्तेदार पर थाना मिर्जापुर पर धोखाधड़ी, अवैध कब्जे और अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्यों की जमीन धोखाधड़ी से कब्जाने के अलावा महिला को अपने घर पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मामला महिला थाने में दर्ज है।
हाजी इकबाल द्वारा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में तीनों उक्त तीन मामलों में अग्रिम जमानत दाखिल की गई थी, जिसे उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था। उसकी अग्रिम जमानत खारिज किए जाने पर बाद उसकी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की ओर से यहां न्यायालय में गैर जमानती वारंट के लिए आवेदन किया गया।
एसएसपी ने बताया कि महिला थाना पुलिस द्वारा प्रभावी पैरवी पर न्यायालय ने हाजी इकबाल उर्फ बाला और उसके बहनोई दिलशाद के गैर जमानती वारंट जारी किए थे। एसएसपी ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के लिए विशेष ऑपरेशन ग्रुप व पुलिस की कई टीमें लगाई गई हैं।
पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल के नौकर नसीम की जमानत याचिका को न्यायालय ने खारिज कर दिया है। वहीं, नौकर ने आरोप लगाए हैं कि उससे कागजातों पर जबरन हस्ताक्षर कराए गए थे। हाजी इकबाल ने अपने नौकर नसीम के नाम 22 करोड़ की संपत्ति जुटा रखी थी।
इतना ही नहीं उसे तीन चीनी मिल का मालिक भी बना रखा है। पुलिस ने गैंगस्टर के मामले में नसीम के नाम की गई बेनामी संपत्ति को कुर्क कर लिया था। मिर्जापुर थाने पर दर्ज गैंगस्टर के मामले में मिर्जापुर पुलिस ने मई में नौकर नसीम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तभी से वह जेल में बंद है।
नसीम की ओर से उसके अधिवक्ता ने न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दाखिल की, जिसमें नसीम ने हाजी इकबाल और उसके परिवार के सदस्यों पर भी आरोप लगाए। नसीम ने कहा कि वह हाजी इकबाल के खनन पट्टे पर नौकरी करता था। वर्ष 2008 में उससे जबरन कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए गए थे। वर्ष 2015 के बाद उसे मानदेय भी नहीं दिया गया। इसलिए वर्ष 2017 में उसने नौकरी छोड़ दी।
जमानत प्रार्थनापत्र में नसीम का कहना है कि उसे जान से मारने की धमकी तक दी गई। नसीम ने खुद पर लगे आरोपों को झूठा बताया। शासकीय अधिवक्ता विक्रम सिंह ने बताया कि मामले की सुनवाई एडीजे कक्ष संख्या तीन की न्यायालय में चल रही है। न्यायालय ने नसीम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।