एमजे अस्पताल में नवजात की ऑपरेशन के बाद मौत, पैसे की मांग को लेकर शव देने से इनकार

Update: 2022-09-22 18:06 GMT
लखनऊ। एमजे हॉस्पिटल एंड ट्रॉमा सेंटर में नवजात बच्चे की मौत हुई तो बिल के लिए उसके शव को सौंपने से इनकार कर दिया। परिजनों ने इससे परेशान होकर मामले की शिकायत डिप्टी सीएम आफिस में की। इसके बाद उप मुख्यमंत्री कार्यालय से अस्पताल संचालक को फोन कर फटकार लगाई गई तो अस्पताल ने बच्चे का शव परिजनों को सौंपा। इस मामले पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मामले की सूचना है जांच कर कार्रवाई होगी।
बुधवार को हरदोई निवासी आकांक्षा अपने एक दिन के बच्चे को लेकर केजीएमयू ट्रॉमा पहुंची। बच्चे के आहार व मलद्वार नहीं था। ट्रॉमा में भर्ती न किए जाने पर एंबुलेंस चालक उसे एमजे हास्पिटल लाकर भर्ती कराया। पीडियाट्रिक सर्जन ने नवजात के तीन ऑपरेशन करके मलद्वार व आहार नली बनाया। ऑपरेशन के बाद बच्चे की हालत गंभीर थी। ऑपरेशन के बाद उसे वेंटीलेटर सपोर्ट पर रखा गया था।
गुरुवार को सुबह करीब नौ बजे उसकी मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल ने तीमारदारों को 90 हजार रुपये का बिल थमाया जिसमें 50 हजार रुपये का भुगतान परिजनों ने किया था। बकाया रकम न देने पर शव करीब छह घंटे तक रोका रखा। इसे लेकर परिजनों ने डिप्टी सीएम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। वहां से फोन जाने के बाद अस्पताल ने शव को परिजनों को सौंपा।
बिल के भुगतान न होने के कारण शव नहीं रोका गया था। परिवार का कोई भी पुरुष नहीं था। डिप्टी सीएम कार्यालय से फोन आया था। जिसके बाद बाकी बची रकम नहीं ली गई…डॉ. जुनैद, संचालक, एमजे अस्पताल।
मामले की जानकारी के बाद अस्पताल संचालक को सभी कागज लेकर बुलाया गया है। इलाज और पैसे से सम्बंधित सभी जानकारी ली जाएगी…डॉ. एपी सिंह, नोडल, निजी नर्सिंग होम।

अमृत विचार संवाददाता, 

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