उत्तर प्रदेश के कानपुर में बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं रूकने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बार 6 वर्षीय बच्ची को उसके पड़ोसी के नौकर ने अपनी हवस का शिकार बना दिया. बच्ची की हालत खराब होने पर उसे हॉस्पिटल में इलाज के लिए भेजा गया है. इससे पहले एक 8 साल के बच्चे के साथ कुकर्म की घटना सामने आई थी.
ताजा मामला महाराजपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है. यहां के एक गांव में माता-पिता अपनी 6 वर्षीय बच्ची को अपने भाई (बच्ची का चाचा) के पास छोड़कर रिश्तेदार के यहां गए थे. दिन में बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तभी बगल में रहने वाले पड़ोसी का नौकर धीरज उसे आम के बगीचे में ले गया, जहां उसने बच्ची का रेप कर डाला.
खून से लथपथ बच्ची ने घर आकर अपने चाचा को पूरी घटना बताई. इसके बाद शहर से मां-बाप को बुलाया गया. पिता ने महाराजपुर थाने में रेप की एफआईआर लिखाई. पुलिस ने आरोपी धीरज को गिरफ्तार कर लिया है. कानपुर के लिए चिंताजनक बात ये है कि यहां पिछले एक साल से मासूम बच्चों और बच्चियों के साथ लगातार यौन हिंसा हो रही है.
कई केस में तो मासूम बच्चों का रेप करके उनकी हत्या तक की जा रही है. पिछले चार महीने में ही ऐसे चार बच्चों की रेप करके हत्या की जा चुकी है. दो दिन पहले ही बिल्हौर इलाके में आठ वर्षीय मासूम की कुकर्म करके हत्या के मामले का खुलासा हुआ था. फरवरी में नर्वल इलाके में नौ वर्षीय मासूम बच्चे के साथ सामूहिक कुकर्म करके हत्या की गई थी.
इस केस में हत्यारों ने उसके नाजुक अंग में डंडा तक डालने की बेरहमी की थी. इसके बाद सचेंडी इलाके मासूम बच्चे के साथ कुकर्म करके हत्या की गई थी. बाबूपुरवा इलाके में भी बहन के चक्कर में एक मासूम को मार डाला गया. नबाबगंज इलाके में तो नबालिग बच्ची से तीन युवकों ने गैंगरेप कर डाला था.
उसके बाद गोविन्द नगर में नबालिग बच्ची के दो सहपाठी छात्रों ने ही होटल ले जाकर उसका गैंगरेप किया था. पिछले महीने कोतवाली क्षेत्र में नौवीं की नाबालिग छात्रा के साथ लखनऊ के युवक ने कोतवाली के बगल वाले होटल में ही कमरा लेकर रेप किया था. बच्ची ने चौराहे पर तैनात सिपाहियों को चिल्लाकर अपनी घटना बताई थी.
पुलिस इन सभी मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी करने का दावा करके अपनी ड्यूटी निभाने का दावा कर सकती है. एक तरह से यह कानूनन सही भी माना जाएगा लेकिन अगर शहर में इसी तरह मासूम बच्चों और बच्चियों से रेप-कुकर्म होते रहेंगे और उनकी हत्याएं तक हो जाएंगी तो कानपुर पुलिस पर सवाल उठना लाजिमी है