नाव दुर्घटना मामले में NDRF और SDRF की टीमें चला रही हैं रेक्यू ऑपरेशन, 20-25 लोग हैं लापता

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Update: 2022-08-12 10:17 GMT
बांदा। जिले के मरका थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार को हुई नाव दुर्घटना में लापता 20 से 25 लोगों का पता लगाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान लगातार प्रयास कर रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक नाव दुर्घटना में डूबे लोगों में से अभी तक सिर्फ तीन लोगों के शव निकाले जा सके हैं। उन्होंने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई दुर्घटना के बाद बचाव कार्य में मदद के लिए प्रयागराज से गोताखोरों को भी बुलाया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि यमुना नदी में एक नाव के पलट जाने से दो महिलाओं और एक बच्चे सहित कम से कम तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई और करीब 20-25 लोग लापता हैं।
अभी तक तीन शव बरामद हुआ है बरामद
बांदा के पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) विपिन मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार को मरका थाना क्षेत्र के समगरा गांव में यमुना नदी की जलधारा में एक नौका अनियंत्रित होकर डूब गई थी। उन्होंने बताया कि गोताखोरों की मदद से बृहस्पतिवार को तीन शव बरामद किए गए हैं, लेकिन अभी भी 20-25 लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि लापता लोगों का पता लगाने के लिए इलाहाबाद से गोताखोरों को बुलाया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार में नाव में 40 से 45 लोग थे सवार
डीआईजी ने बताया, ''नाव पर कितने लोग सवार थे, इसकी अभी पुष्टि नहीं हुई है।'' मरका थाना के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) हेमराज सरोज ने शुक्रवार को बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार में नाव में 40 से 45 लोग सवार थे, जिनमें से 15 लोग तैर कर पानी से बाहर आ गए। उन्होंने बताया कि अभी तक तीन शव बरामद हुए हैं जिनकी पहचान सलवा डेरा निवासी फुलवा (50), कौहन गांव (फतेहपुर) निवासी राजरानी (45) और मरका निवासी किशन (सात माह) के रूप में हुई है।
मंत्री राकेश सचान और रामकेश निषाद को घटनास्थल पर पहुंचने का सीएम योगी ने दिया निर्देश
इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार में मंत्री राकेश सचान और रामकेश निषाद को मौके पर पहुंचने का निर्देश दिया। सरकार ने आपदा राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का भी निर्देश जारी किया है। वहीं डूबे लोगों के परिजनों एवं ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी। लोगों का आरोप है कि 18 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक सिर्फ तीन ही शव को बरामद किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि रेक्यू ऑपरेशन में लापरवाही बरती जा रही है। जिसकी वजह से अभी तक तीन ही शव बरामद हुए है।
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