बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर की एक अदालत ने युवती का अपहरण और दुष्कर्म किये जाने के मामले में दो युवकों को दस-दस साल सश्रम कारावास और प्रत्येक पर 45 हजार 500 रूपये जुर्माने की सजा सुनायी है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पाक्सो) स्पेशल पोक्सो तरुण कुमार सिंह की अदालत ने मंगलवार को यह सजा सुनायी है। विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार शर्मा और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता संजीव कुमार सिंह ने बताया कि 27 जुलाई 2015 को बुलंदशहर नगर के एक मोहल्ले की 22 वर्षीय एक युवती का उस समय अपहरण कर लिया गया था जब वह अपने घर से काला आम में स्थित पीर बाबा की मजार पर इबादत करने आई थी।
घटना की रिपोर्ट पीड़िता के पिता ने दर्ज कराई। पुलिस ने घटना के आठ महीने बाद पीड़िता को अभियुक्त फिरोज निवासी नबी करीम दिल्ली के मकान से बरामद किया। पीड़िता से सामूहिक दुष्कर्म करने के आरोप में पुलिस ने फिरोज और ग्राम जूले पुरा जिला बुलंदशहर निवासी यूनुस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़िता के धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने कलम बंद बयान कराए गए। बरामदगी के समय पीड़िता पांच माह की गर्भवती थी। विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। पीड़िता की मेडिकल जांच करने वाले चिकित्सक समेत सात गवाह पेश किए। गवाहों के बयान पत्रावली पर उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर आरोपी , यूनुस और फिरोज को पीड़िता का अपहरण करने जबरन घर में बंधक बनाक दुष्कर्म करने का दोषी करार दिया।