ताजमहल पर सैलानियों की भीड़ लगना आम बात है लेकिन शुक्रवार को आगरा किला में सारे रिकॉर्ड टूट गए। 12 अगस्त को एक लाख से अधिक सैलानियों ने ताजमहल का दीदार किया। हालांकि इतनी संख्या होने के कारण सुरक्षा के सारे इंतजाम फेल हो गए। एसआईएस के सुरक्षाकर्मियों को भीड़ नियंत्रित करने के लिए लाठियां फटकारनी पड़ रही थीं।
भीड़ ज्यादा होने के कारण कई छोटे बच्चें दब गए तो कई गुम हो गए। इसके अलावा पर्यटक बेहोश हो गए। ऐसे में ये सवाल उठना जायज है कि कोई बड़ा हादसा हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता। सुरक्षाकर्मियों का भीड़ प्रबंधन के लिए क्या इंतजाम हैं? क्या किसी हादसे के इंतजार में हैं, क्या किसी हादसे बाद ही जागेंगे?
शुक्रवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में सैलानी आगरा किला का दीदार करने पहुंच गए। शुरुआत में तो अमर सिंह गेट स्थित एक मात्र प्रवेश द्वार पर एक लाइन लगवाकर एंट्री दी गई, लेकिन जैसे-जैसे भीड़ बनने लगी वैसे ही दो लाइन लगवा दी गईं। उसके बाद भी भीड़ का दबाव कम नहीं हुआ।
दोपहर 12 बजे के बाद तो भीड़ प्रवेश करने के लिए बेकाबू होने लगी। कई बार प्रवेश द्वार पर ही सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे एसआईएस के कर्मचारियों ने सैलानियों पर लाठियां भी फटकारीं। उसके बाद भी भीड़ को नियंत्रित नहीं कर पाए। फिर पुलिस बल को बुलाना पड़ा।
किला में भीड़ के कारण सैलानियों का दम घुटने लगा। इस दौरान कई पर्यटक बेहोश भी हो गए। बाद में उनके साथ आए लोगों ने पानी पिलाया तब कहीं जाकर वह होश में आए। दोपहर दो बजे तो स्थिति ये हो गई कि अंदर से बाहर की ओर सैलानी निकल ही नहीं पा रहे थे। तब पुलिस ने मोर्चा संभाला। अंदर प्रवेश करने वालों को पीछे हटाया और अंदर से सैलानियों को बाहर निकालना शुरू किया।
सहायता के लिए बुलानी पड़ी पुलिस
बेकाबू भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। उसके बाद भी जब सैलानियों को रोक नहीं पाए तो पुलिस को भी बल प्रयोग करना पड़ा। यही नहीं किले का दीदार करने आए पर्यटक अंदर से निकलने को तैयार ही नहीं हो रहे थे। किले के अंदर कई स्थानों पर बैठे हुए थे। हालांकि दो घंटे की मशक्कत के बाद शाम पांच बजे भीड़ को नियंत्रित कर उन्हें निकालना शुरू किया गया।
इन सवालों के जवाब कौन देगा
-स्मारकों में प्रवेश फ्री करने के बाद भीड़ आने का अंदेशा था तो इंतजाम क्यों नहीं किए गए?
-ज्यादा भीड़ होने पर कोई हादसा हो सकता है। इसका जिम्मेदार कौन होगा?
-आगरा किला में चारों ओर गहरी खाई है। यदि कोई गिर जाए तो जिम्मेदार कौन होगा?
-किले के ऊपर के हिस्सों में बेरीकेडिंग भी ज्यादा ऊंची नहीं है। भीड़ को कैसे सुरक्षित रखा जा सकेगा?
-स्थिति बेकाबू होने पर ही पुलिस को क्यों बुलाया जाता। पहले से इंतजाम क्यों नहीं किए जाते?
-भीड़ प्रबंधन के लिए एएसआई ने अतिरक्त कर्मचारियों और अपनी प्लानिंग को क्यों नहीं बदला?
-ताज की साप्ताहिक बंदी में आगरा किला में भीड़ आने का सभी को अंदेशा था, लेकिन प्लानिंग क्या की गई?
पुरात्तविद अधीक्षण राजकुमार पटेल ने बताया कि शुक्रवार होने के कारण ताजमहल बंद था। इस वजह से पर्यटक आगरा किला को देखने चले गए। भीड़ जरूरत से ज्यादा होने के कारण पुलिस को भी बुलाना पड़ा था। लोग अंदर से निकलने को तैयार नहीं थी। उन्हें बाहर निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।