Lucknow लखनऊ : प्रदूषण नियंत्रित करने के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं, हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। इसका डर लोगों के चेहरों पर मास्क के रूप में दिखने लगा है। सड़कों से लेकर बाजार तक लोग मास्क लगाए नजर आ रहे हैं। ऐसे लोगों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या अधिक है। चौराहों पर यातायात नियंत्रित करने वाले सिपाही चेहरे पर कपड़ा लपेट ट्रैफिक कंट्रोल करते दिखे। गुरुवार को साप्ताहिक बंदी के दौरान अमीनाबाद, नजीराबाद, झंडेवाला पार्क, गणेशगंज बाजार, लाटूश रोड आदि बाजारों में बड़ी संख्या में लोग मास्क लगाकर खरीदारी करते देखे गए। गुरुवार को शहर कर वायु गुणवत्ता सूचकांक 378 यानी ज्यादा खराब रिकार्ड की गई जबकि तीन क्षेत्रों की हवा गंभीर (रेड जोन) स्थिति में पहुंच गई।
मंगलवार से मौसम अचानक बदल गया। सुबह कोहरा छाने के साथ ठंड भी बढ़ गई थी। अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी सामान्य से कम रिकार्ड किया गया। बढ़ते प्रदूषण के कारण कोहरे के साथ स्मोग भी थी। इससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। सबसे अधिक परेशानी अस्थमा रोगियों को हुई।गुरुवार को लालबाग क्षेत्र में एक्यूआई 378 रिकार्ड किया गया। लालबाग के साथ ही तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र और केंद्रीय विद्यालय अलीगंज रेड जोन में रहे। गोमतीनगर और कुकरैल पिकनिक स्पाट फेस 1 आरेंज और बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय येलो जोन में रहे।
जाने गुड, बैड और वर्स्ट AQI का हाल
-AQI 0 से 50 तक बेहतर मानी जाती है
-0 से 50 तक अच्छी
-51 से 100 तक संतुलित
-101 से 200 तक खराब
-201 से 300 तक ज्यादा खराब
-301 से 400 गंभीर
-401 से 500 के बीच खतरनाक
तीन औद्योगिक इकाइयों पर कार्रवाई की संस्तुति
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने ठीक से एयर पल्यूशन कंट्रोल सिस्टम न चलाने पर तीन औद्योगिक इकाइयों को नोटिस दिया है। साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई करने की संस्तुति की है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी जेपी मौर्या ने बताया कि गुरुवार को विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण किया गया। आठ भवन ऐसे मिले जो बिना ग्रीन नेट लगाए निर्माण कार्य कर रहे थे। निर्माण कार्य करने वालों को नोटिस दिया गया है। उन्होंने बताया कि तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र में भ्रमण किया गया। वहां पर एयर पल्यूशन कंट्रोल सिस्टम का संचालन औद्योगिक इकाई के लोग ठीक से नहीं कर रहे हैं। तीन औद्योगिक इकाइयों को नोटिस दिया गया। साथ ही कार्रवाई करने की संस्तुति कर रिपोर्ट मुख्यालय भेजी गई है। उन्होंने बताया कि खुले में कूड़ा ले जा रहे नगर निगम के वाहनों को रोकने के लिए भी नगर आयुक्त का पत्र लिखा गया है। नगर आयुक्त से कहा गया है कि कूड़ा ढककर ही ले जाया जाए। साथ ही किसी भी क्षेत्र में कूड़ा न जलाया जाए।
WINTER
चार दिन में 4.5 डिग्री गिरा पारा
हवा की बदली दिशा ने ठंड और बढ़ृा दी है, शनिवार से बढ़ेगा तापमान, हवा की दिशा भी बदलेगी पश्चिमी विक्षोभ और हवा की बदली दिशा एवं गति ठंड का एहसास करा रही है। चार दिनों के भीतर अधिकतम तापमान 4.5 और न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस गिर गया। शनिवार से हवा की दिशा बदलेगी और अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होगी।
रविवार और सोमवार को दिन और रात का तापमान सामान्य था और गर्मी का एहसास हो रहा था। मंगलवार की सुबह से मौसम अचानक बदल गया। कोहरा छाने के साथ ही ठंड का एहसास हुआ। बुधवार को भी कोहरे के साथ ठंड का एहसास हुआ। गुरुवार को भी सुबह से ही ठंड थी हालांकि कोहरा हल्का था। अधिकतम तापमान 25.5 और न्यूनतम तापमान 11.0 डिग्री सेल्सियस रहा। अधिकतम तापमान 2.9 और न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.7 डिग्री सेल्सियस कम रहा। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि उत्तर पश्चिम दिशा से हवा चल रही है और हवा की गति 5 से 10 किलोमीटर प्रतिघंटा है। उत्तर से ज्यादा हवा आने के कारण ठंड का एहसास हो रहा है। उन्होंने बताया कि शुक्रवार से हवा की दिशा पश्चिम हो जाएगी और गति भी बढ़ेगी। साथ ही सतह से ऊपर हवा की गति बढ़ने की संभावना है। शनिवार को गति अधिक रहेगी, जिससे धुंध और कोहरे से राहत मिलेगी। साथ ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान एक से दो डिग्री सेल्सियस बढ़ सकते हैं।
तापमान का बेवरा
दिनांक अधिकतम न्यूनतम
17 नंवबर 30.0 15.2
18 नवंबर 30.6 15.3
19 नवंबर 26.9 15.6
20 नवंबर 25.6 11.8
21 नवंबर 25.5 11.0
22 नवंबर 26.35 16.89
पराली भी हवा को कर रही जहरीला
शहर की आबोहवा में पराली भी जहर घोल रही है। आगरा एक्सप्रेस वे से गुजरने वालों को दूर से ही खेतों में पराली जलती दिख रही है। पराली जलाने की रिपोर्टिंग रिमोट सेंसिंग कृषि विभाग कर रहा है। उसकी ओर से 38 मामले रिपोर्ट किए गए हैं। उप कृषि निदेशक अनिल कुमार यादव ने बताया कि काकोरी में पराली जलाने की पुष्टि के बाद एक व्यक्ति से पांच हजार रुपये की वसूली तहसीलदार स्तर से की गई। इसके अलावा मोहनलालगंज में दो मामले हैं, जिनकी जांच चल रही है। अन्य मामलों में पाया गया कि कृषि अपशिष्ट को एक स्थान पर रखकर आग लगा दी गई। ऐसा करना पराली की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। दूसरी ओर जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने कृषि विभाग को सख्ती से पराली जलाने से रोकने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।