लखनऊ (आईएएनएस)| लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है। जहां भाजपा ने 80 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। वहीं समाजवादी पार्टी भी पूरी ताकत के साथ सत्ताधारी दल को टक्कर देने की तैयारी कर रही है। अभी उसका कम अंतर से हारी सीटों पर विशेष फोकस है।
राजनीतिक जानकार बताते हैं कि 2019 में सपा बसपा के गठबंधन में को सीट सपा कम मार्जिन से हारी है। उस पर विशेष फोकस किया है। उसके लिए अलग से प्लान तैयार किया गया है। सपा सूत्रों की मानें तो यादव लैंड की फिरोजाबाद, इटावा, मैनपुरी, फरुर्खाबाद, कानपुर देहात की सीटों पर विशेष ध्यान है इसके आलावा भी सपा फिरोजाबाद 28781 वोटों से हारी थी। यहां शिवपाल के लड़ने से भी वोट बंट गया। बदायूं 18454 वोट गंवा दी। इटावा 64437 वोट से, कन्नौज 12353 से, बांदा 58983 से, कौशांबी 38722 से, फैजाबाद 65477 से, बलिया 15519,चंदौली सीट 13959 वोट राबर्टसगंज 54336 वोट से हारी। इन सीटों पर अब बूथ लेवल तक पहुंचकर सीट जीतने का गेम प्लान तैयार किया है।
सपा के एक वरिष्ठ नेता की माने तो अखिलेश यादव इस बार लोकसभा चुनाव पर विशेष ध्यान दे रही है। उनका खास ध्यान अपने गढ़ रही और कम अंतर से हारी सीटों पर ज्यादा है। वे अपनी मजबूत आधार वाली सीटों को फिर जीतने की रणनीति बना रहे हैं। इनमें वे सीटें भी हैं जो मुलायम परिवार के सदस्यों ने पिछली बार कम अंतर से हार गए थे।
अखिलेश यादव ने अपनी लोक जागरण यात्रा के दौरान कार्यकर्ताओं से कहा कि समाजवादियों के गढ़ वाली सीटें फिर जीतनी हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी यूपी में 80 की 80 सीटों पर जीत दर्ज करेगी।
वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी तो शुरू कर दी है। पर अभी उनकी गठबंधन किसके होगा यह तय नहीं। वह कांग्रेस के साथ जाएंगे या फिर गैर भाजपा और गैर कांग्रेस के मोर्चे से अलग चुनाव लड़ेंगे इस पर अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन सपा 2024 की तैयारी अच्छे ढंग से कर रही है। इसी कारण वह अपने संगठन को मजबूत करने में बहुत तेजी के साथ जुटे हैं। हर लोकसभा में प्रभारी नियुक्त करने के साथ हर जिले में प्रशिक्षण शिविर लगा है। जिसमें अखिलेश भी शामिल हो रहे हैं। वह अपने कार्यकर्ताओ को बूस्ट कर रहे हैं। यह पार्टी के लिए मुफीद है। काम अंतर वाली सीटें भी जीतने के लिए प्लान बना रहे हैं।
गौरतलब हो कि साल 2019 में भाजपा ने 78 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से 62 सीटों पर पार्टी कमल खिलाने में कामयाब हो गई थी। वहीं भाजपा की सहयोगी अपना दल एस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई। सपा बसपा गठबंधन कोई खास जादू नहीं चला। बसपा के खाते में जहां 10 सीटें आई तो वहीं सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी। कांग्रेस को तो प्रदेश में तगड़ा झटका लगा। कांग्रेस महज एक रायबरेली सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी।
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