तकनीकी खराबी की वजह से हुई लेट मेरिट लिस्ट, जानिए अब कब होगी जारी

Update: 2022-12-11 14:57 GMT
मध्यप्रदेश। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (MPTET वर्ग-3) पास करने वाले कैंडिडेट्स की पहली मेरिट लिस्ट जारी होने में समय लगेगा। लोक शिक्षण के अनुसार तकनीकी खराबी के कारण 8 दिसंबर को आने वाली लिस्ट को रोकना पड़ा। रविवार को लोक शिक्षण आयुक्त अभय वर्मा ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि, किन्हीं कारणों से मेरिट लिस्ट रोकी गई है। इसे अब 30 दिसंबर तक अपलोड किया जा सकता है। उम्मीदवार पोर्टल trc.mponline.gov.in को देखते रहें। इससे पहले आधिकारिक वेबसाइट पर लिस्ट रोके जाने की सूचना जारी की गई थी।
वर्ग-3 की परीक्षा पास करने वाले कैंडिडेट्स की पहली मेरिट लिस्ट जारी होने में देरी होने के चलते लोगो को परेशानी न हो इस वजह से, लोक शिक्षण विभाग के द्वारा आधिकारिक वेबसाइट पर सूचना जारी की गई थी जिसमे बताया गया था कि, अपरिहार्य कारण से मेरिस्ट लिस्ट रोकी जा रही है। आगे की प्रक्रिया की जानकारी जल्द ही पोर्टल पर जारी की जाएगी। भर्ती प्रक्रिया 17 नवंबर से शुरू हो चुकी है। अतिथि शिक्षकों से 17 से 24 नवंबर के बीच में रजिस्ट्रेशन कराया गया। प्रदेश में 18,527 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया फरवरी 2023 तक चलेगी। इसके लिए करीब 2 लाख कैंडिडेट्स ने क्वालिफाई किया है।
जानकारी के लिए बता दें कि, भर्ती परीक्षा प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने कराई थी। भर्ती प्रक्रिया ऑनलाइन है। फरवरी में सभी को नियुक्ति आदेश मिल जाएंगे। निर्देश और नियम https://trc.mponline.gov.in वेबसाइट पर 31 अक्टूबर 2022 को जारी किए गए थे। MPTET-2020 के योग्य कैंडिडेट्स से स्कूल शिक्षा विभाग के तहत रिक्त पदों को भरा जाना है। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के 7,429 व जनजातीय कार्य विभाग के 11,098 पदों पर संयुक्त भर्ती की जाएगी।
दो विभाग एक साथ काउंसिलिंग कर रहे स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल शिक्षा के भर्ती नियम-2018 में अनारक्षित वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के उम्मीदवारों के लिए प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा के पासिंग मार्क्स 60% से घटाकर 50% कर दिए हैं। संशोधन के बाद रिजल्ट तैयार कर भर्ती प्रक्रिया नवंबर से शुरू की गई। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग द्वारा संयुक्त काउंसिलिंग कर रहा है।
पहले स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग अलग-अलग काउंसिलिंग करता था। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग की पहले काउंसिलिंग होने से आदिवासी क्षेत्र के भी उम्मीदवार जॉब के चक्कर में शहरी क्षेत्र में आ जाते थे। एक साथ काउंसिलिंग होने से आदिवासी क्षेत्र और शहरी क्षेत्र के उम्मीदवार के पास उसी क्षेत्र में जॉइनिंग लेने का मौका होगा।अब तक उच्च माध्यमिक और माध्यमिक शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट में नाम रिपिटेशन होने का कैंडिडेट्स विरोध करते रहे हैं। उनका कहना- स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग की मेरिट लिस्ट अलग-अलग आने से मेरिट में नाम दोबारा आ जाते हैं। ऐसे में दूसरे कैंडिडेट्स का नुकसान होता है।
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