सात गांवों से होकर किसान पथ के बाद कुकरैल गुम

Update: 2023-08-17 06:58 GMT
उत्तरप्रदेश | अपने उद्गम स्थल से निकलकर कुकरैल तेजी से आगे बढ़ती है. जंगलों के बीच होते हुए आगे जाकर किसान पथ के पास इसकी पतली लकीर भी खत्म हो जाती है. सर्वेक्षण में यह तथ्य सामने आने के बाद शासन हरकत में है. सात गांवों से होते हुए गोमती की सहायक कुकरैल नदी 28 किमी दूरी तय करती है. यह रिपोर्ट जिला प्रशासन की संयुक्त कमेटी ने यह रिपोर्ट मुख्य सचिव के सामने रखी है.
शासन स्तर से कुकरैल रिवर फ्रंट के कामों की मासिक समीक्षा हो रही है. जिला और मंडलस्तर पर साप्ताहिक समीक्षा हो रही है. बख्शी का तालाब तहसील के अचरामऊ गांव के पास एक तालाब से जलधारा निकलती है. यह एक छोटी नदी के रूप में आगे बढ़ती हुई. अचरामऊ, आधारखेड़ा, बसहा, बरखुदारपुर, राजपुर, गोहनाकलां होते हुए आगे बढ़ती है. संयुक्त कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कुकरैल जंगल में यह चौड़ी हो जाती है. किसानपथ के पास इसका अस्तित्व समाप्त होता दिखता है. यहां आगे किसान पथ और फिर कुछ निजी जमीनें हैं. ऐसे में सर्वेक्षण कर रही टीमें यहां आ कर अटक गई हैं. जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार राजपुर और गोहनाकलां के पास नदी खत्म सी दिखती है. इसके आगे निजी जमीनें होने की वजह से दिक्कत आ रही है कि नदी किस ओर से आगे बढ़ती है.
साबरमती रिवर फ्रंट से एमओयू की तैयारी कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने के लिए साबरमती रिवर फ्रंट से एमओयू की तैयारी है. गुजरात का साबरमती रिवर फ्रंट पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है. प्रदेश सरकार इसी तर्ज पर कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने की तैयारी कर रही है. साथ ही यहां छह किलोमीटर के क्षेत्र में चेकडैम बनाते हुए जलाशय बनाया जाएगा. इससे आने वाले समय में बढ़ती पानी की मांग पूरी की जा सकेगी. 
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