कानपुर: अपनी ही भतीजी को प्रताड़ित करती थी कलियुगी बुआ, पढ़े मासूम की कहानी
जब सौतेली बुआ की कहानी सुनाई तो हर किसी का दिल पसीज गया.
कानपुर. आजकल बच्चों की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते देखा होगा, लेकिन कानपुर में एक ऐसा मामला सामने आया हे, जिसमें बच्चे खुद ही अपनी बुआ की करतूत को उजागर किया. बुआ अपने अपने भतीजी से दिनभर काम करवाती थी, जब वो आराम के लिए कहता था तो उसे बेल्ट और तार से मारती. काम कराने के बाद भी भरपूर खाना नहीं देती थी. बुआ की ये बर्बरता पूर्ण हरकत गांधीग्राम के विनोबा नगर में रहने वाली मासूम ने जब सौतेली बुआ की कहानी सुनाई तो हर किसी का दिल पसीज गया.
बुआ ने उसे बंधुआ नौकर बना कर प्रताड़ित किया
गांधी ग्राम के विनोबा नगर में 11 साल की बच्ची की दूर की रिश्तेदारी में लगने वाली बुआ ने उसे बंधुआ नौकर बना कर प्रताड़ित किया. शुक्रवार को जब बच्ची ने काम करने से मना किया तो उसे तार और बेल्टों से जमकर पीटा. बच्ची ने पड़ोसी के घर में छिपकर अपनी जान बचाई. किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी महिला व उसकी बेटी को हिरासत में लेकर थाने ले आई जबकि बच्ची को इलाज के लिए कांशीराम अस्पताल में भर्ती करा दिया.
बुआ ने बच्ची के अनाथ होने की जानकारी दी
इंस्पेक्टर शैलेंद्र सिंह के ने बताया कि जब महिला से बच्ची के माता-पिता के बारे में पूछा तो उसने बच्ची के अनाथ होने की जानकारी दी. बच्ची से पूछताछ में पता चला कि मां जीवित है और फतेहपुर में रहती है. तब उनसे संपर्क किया गया. पुलिस ने बताया कि महिला ने मोहल्ले के लोगों को बता रखा था कि बच्ची के माता-पिता की मौत हो चुकी है जबकि उसकी मां जीवित है. पुलिस ने बच्ची को उसको घर भिजवा दिया. स्थिति सामान्य होने के बाद उससे बातचीत कर पुलिस और जानकारी जुटाएगी. उसके बयान भी दर्ज करेगी.
आरोपी बुआ पर मामूली धाराओं में केस, थाने से जमानत
भतीजी पर बर्बरता करने वाली सौतेली बुआ पर चकेरी पुलिस ने रिपोर्ट तो दर्ज कर ली लेकिन वो मामूली धाराओं में. पुलिस ने उसे थाने से ही जमानत दे दी. घर पहुंचने के बाद उसने मोहल्ले के लोगों को धमकाना शुरू कर दिया.
आखिर महिला को क्यों बचा रही पुलिस
अधिवक्ता अमीर अहमद ने बताया कि इस पूरे प्रकरण में जो चीज निकलकर सामने आ रही है, उस आधार पर तो पुलिस आरोपी महिला को छोड़ ही नहीं सकती थी. महिला पर बंधक बनाने की धारा के साथ बाल संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई होनी चाहिए. ये घटना बेहद गंभीर है लेकिन पुलिस ने जो धाराएं लगाई हैं, उससे ऐसा लगता है कि आरोपी को बचाने का प्रयास किया गया है.
भाई ने भी भागकर बचाई थी जान
रोशनी की फतेहपुर से आई मां नीता केवट ने पुलिस को बताया कि उसके तीन बच्चे उमेश 14, खुशबू 12 व रोशनी 11 हैं. मजदूर पति राजेंद्र की मौत के बाद रामबेटी ने उमेश व रोशनी को अपने पास रखकर अच्छी परवरिश का वादा किया था लेकिन दोनों को प्रताड़ित करने लगी. एक दिन उमेश घर से भाग निकला और फतेहपुर पहुंच कर मां को आपबीती बताई. नीता का आरोप है कि वह बेटी को लेने आई थी लेकिन रामबेटी ने उन्हें बंधक बनाकर पीटा. पुलिस से भी कई बार शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.