मेरठ में 10 दिन में ही सूखे सात हजार पौधे, फोटो खिंचवाओ और फिर जिम्मेदारी भूल जाओ
पौधरोपण अभियान सिर्फ पौधे लगाने और फोटो खिंचवाने तक ही सीमित रह गया है। पौधे लगाइए, तस्वीरें खिंचवाइए और फिर जिम्मेदारी भूल जाइए। इसके बाद न पर्यावरण की फिक्र न ही पौधे की देखभाल की। मेरठ में पांच जुलाई को गांवड़ी में कैबिनेट मंत्री के नेतृत्व में लगाए गए आठ हजार पौधों में से सात हजार से अधिक सूख गए हैं। देखभाल न होने के कारण काफी पेड़ टूट गए हैं। लापरवाही की हद यह है कि पौधे लगाने के बाद गड्ढों में मिट्टी तक नहीं भरी गई, जिस कारण वह उखड़ गए। यह हाल तब है जब सरकार पौधे लगाने के लिए बड़ा अभियान चला रही है।
वन महोत्सव के तहत जिले में 30.58 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य है। पौधरोपण अभियान 5 जुलाई से शुरू हुआ जो 7 जुलाई तक चला। इसमें वन विभाग समेत सभी विभागों ने मिलकर तीन दिनों में 27 लाख से अधिक पौधे रोपे। अभी 15 अगस्त तक लक्ष्य पूरा करना है।
मेरठ में कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने गांवड़ी गांव में पौधा रोपकर अभियान की शुरुआत की थी। गांवड़ी में वन विभाग की ओर से पौधे की देखभाल नहीं की जा रही है।
दस दिन में 90 प्रतिशत पौधे सूखे, कई एनजीओ ने भी रोपे थे पौधे
गांवड़ी में वन विभाग की ओर से करीब 8200 पौधे रोपे गए थे। दस दिन में 90 प्रतिशत पौधे सूख गए हैं। वन विभाग का 5.90 लाख पौधे रोपने का लक्ष्य पूरा हो गए हैं। सवाल ये है कि इन पौधों की देखभाल कौन करेगा।
गांवड़ी में विभाग की ओर से लाखों रुपये खर्च कर कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें मंत्री समेत कई जनप्रतिनिधि, कई एनजीओ के सदस्य, शहर के तमाम बड़े स्कूलों के बच्चे शामिल हुए थे। वहीं क्षेत्र में अच्छी बारिश नहीं हुई है। यह भी पौधे सूखने का बड़ा कारण है।
नगर निगम को सौंपी थी जिम्मेदारी
यह क्षेत्र नगर निगम का है। निगम को पौधों की देखभाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अगर यहां पर पौधों को नुकसान हुआ है तो देखरेख कराई जाएगी। हालांकि लगाए गए पेड़ों में से केवल 30 प्रतिशत ही बड़े हो पाते हैं।
पौधे की कराएंगे देखभाल
मौके पर जाकर निरीक्षण किया जाएगा। अगर पौधे सूख गए हैं तो उनकी देखभाल की जाएगी। जो पौधे बेकार हो गए हैं, उनकी जगह दूसरे लगाए जाएंगे।
अधिकारियों से मांगेंगे जवाब
अगर पौधे सूख गए हैं तो बहुत ही गलत बात है। पौधे लगाते समय ही अधिकारियों से कहा गया था कि इनकी देखभाल भी करनी होगी। इस मामले में वन विभाग और संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया जाएगा।