कानपुर। फरार सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी की अग्रिम जमानत के लिए गुरुवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई। बचाव पक्ष के वकील ने कुछ तथ्य पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा और कोर्ट ने अगली तारीख पांच दिसम्बर कर दी है। वहीं सरकारी वकील ने आरोप लगाया कि विधायक के वकील ने रिजवान सोलंकी को चार बार का विधायक बताकर दस्तावेज लगाया है, जबकि वह कभी विधायक नहीं रहा।
प्लाॅट कब्जाने, आगजनी और धमकाने सहित कई गंभीर धाराओं में सपा विधायक इरफान सोलंकी और उसके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। मुकदमा दर्ज होने के बाद से दोनों फरार चल रहे हैं और विधायक के वकील नरेश चन्द्र त्रिपाठी ने अग्रिम जमानत याचिका जिला जज की कोर्ट में डाल रखी है। इसकी पहली सुनवाई 25 नवम्बर को हुई तो पुलिस कोर्ट में केस डायरी नहीं पेश कर पाई। इससे अगली तारीख एक दिसम्बर कर दी गई और जब आज कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो बचाव पक्ष के वकील नरेश चन्द्र त्रिपाठी ने कुछ तथ्य और पेश करने के लिए कोर्ट से समय मांगा। वहीं सरकारी वकील का आरोप है कि बचाव पक्ष के वकील ने विधायक के भाई रिजवान के नाम जो शपथ पत्र दिया है उसमें उसको चार बार का विधायक दिखाया गया है, जबकि वह कभी विधायक नहीं रहा।
सूत्र बताते हैं कि इस बार पुलिस ने पूरी तैयारी कर ली थी और विधिक राय भी ली थी, ताकि विधायक और उसके भाई को अग्रिम जमानत न मिल सके। इसके लिए पुलिस साक्ष्य के रूप में फॉरेंसिक रिपोर्ट पेश करती जिसमें इस बात की पुष्टि है कि झोपड़ी पर आग ज्वलनशील पदार्थ से लगाई गई है। इसके साथ ही फरारी के दौरान विधायक फर्जी आधार कार्ड के जरिये अशरफ नाम से दिल्ली से मुम्बई की हवाई यात्रा की है। इस पर अलग से विधायक के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। बताया जा रहा है कि पुलिस के मजबूत साक्ष्यों को देखते हुए बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट से समय मांगा है।
यह था मामला
जाजमऊ थाना क्षेत्र के डिफेंस कॉलोनी में सपा विधायक इरफान सोलंकी का आवास है। पड़ोस के एक प्लाॅट पर विधवा बेबी नाज झोपड़ी बनाकर रहती हैं। बेबी नाज का आरोप है कि सात नवम्बर को विधायक और उसके भाई रिजवान सोलंकी समेत आठ अन्य लोगों ने झोपड़ी को आग के हवाले कर दिया। प्लाॅट पर दोनों पक्ष अपना मालिकाना हक जता रहे हैं और मामला कोर्ट में विचाराधीन है। पीड़िता की तहरीर पर आठ नवम्बर को जाजमऊ थाना में आगजनी, धमकाने सहित गंभीर धाराओं में विधायक व उसके भाई सहित आठ अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के बाद से विधायक और उसका भाई फरार चल रहे हैं। इस दौरान फर्जी आधार कार्ड बनवाकर अशरफ नाम से दिल्ली से मुंबई की हवाई यात्रा करने पर विधायक के खिलाफ एक और मुकदमा दर्ज हो गया।