हवलदार नर्सिंग सहायक चला रहा था सेना के रक्षा सेवा कोर में भर्ती कराने का गिरोह, पांच गिरफ्तार

Update: 2022-10-26 17:54 GMT

अयोध्या। सेना से रिटायर सैनिकों को रक्षा सेवा कोर में भर्ती कराने के नाम पर रकम वसूली की जा रही थी। गिरोह को सेना का ही हवलदार नर्सिंग सहायक चला रहा था। मामले की गोपनीय खबर पर सेना के अधिकारियों ने जांच की तो मामले का खुलासा हुआ। गिरोह सरगना और हवलदार क्लर्क समेत कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से भर्ती कराने के नाम पर भूतपूर्व सैनिकों से वसूली गई रकम 51 लाख में से 17 लाख रुपये बरामद हुए हैं। डोगरा रेजिमेंटल सेंटर के मेजर ने प्रकरण में नामजद एफआईआर दर्ज कराई है।

सेना के रक्षा सेवा कोर (डीएससी) में भर्ती का अभियान चल रहा है। सेना के अधिकारियों को सूचना मिली कि डीएससी में भर्ती कराने के नाम पर भूतपूर्व सैनिकों से 50-50 हजार रुपये की रकम वसूली जा रही है। सूचना पर सैन्य अधिकारियों ने जांच पड़ताल शुरू की तो भूतपूर्व हवलदार जनकराज के छावनी क्षेत्र स्थित आवंटित आवास से 50-50 हजार रुपये के छह बंडल कुल 3 लाख तथा इससे पूछताछ के बाद भूतपूर्व नायक लियाकत अली के पास से 50-50 हजार के 28 बंडल कुल 14 लाख रुपये बरामद हुए। बरामद बंडलों पर रकम देने वाले का विवरण दर्ज था। जांच पड़ताल के बाद भूतपूर्व हवलदार कुलदीप सिंह, हवलदार क्लर्क परीक्षित पाल और हवलदार नर्सिंग
सहायक जितेंद्र वर्मा को पकड़ा गया।
सीओ सिटी शैलेंद्र सिंह ने बताया कि सेना भर्ती में वसूली मामले में डोगरा रेजिमेंटर सेंटर के मेजर सुधीर कुमार यादव पांच के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। पांचों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस ने इनके पास से 17 लाख रुपये बरामद किए हैं। नोटों के बंडल पर मिले नाम,पता और ब्योरा के आधार पर आगे की विवेचना कराई जा रही है।
नहीं काम आई गिरोह के डाज देने की रणनीति
सेना के रक्षा सेवा कोर में रकम लेकर भूतपूर्व सैनिकों के भर्ती कराने का गिरोह चला रहे सरगना ने डाज देने की रणनीति तो पुख्ता बनाई थी, लेकिन एक मोबाइल नंबर ने कड़ियां जोड़ दीं और सभी के चेहरे तथा करतूत सामने आ गई। नर्सिंग सहायक के सहयोगी हवलदार क्लर्क परीक्षित पाल ने अनजान शख्स बनकर 112 इन्फैंट्री बटालियन प्रादेशिक सेना के भूतपूर्व हवलदार कुलदीप सिंह से 15 अक्टूबर को डोगरा रेजिमेंटर सेंटर स्थित पीरबाबा के पास 68 पूर्व सैनिकों से वसूली गई रकम 34 लाख ली थी और इस रकम को चिकित्सा निरीक्षण कक्ष के पास कार में बैठे सरगना के हवाले किया था। उसने अपने नीचे रकम वसूलने वालों को केवल एक मोबाइल नंबर ही दिया था, लेकिन मोबाइल नंबर ने ही गिरोह की कड़ियां जोड़ दीं। भूतपूर्व हवलदार जनकराज और भूतपूर्व नायक लियाकत अली के पास एकत्र रकम सरगना तक पहुंचने से पहले मामले का खुलासा हो गया

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