कोषाधिकारी बनकर रिटायर्ड पेंशनरों को निशाना बनाने वाले गैंग का खुलासा, पांच गिरफ्तार
प्रयागराज। कोषाधिकारी बनकर रिटायर्ड पेंशनरों को अपना निशाना बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। यह गैंग वेरिफिकेशन के नाम पर उनके खाते के बारे में जानकारी लेते थे और उनके खाते से पूरी रकम निकालने में कामयाब हो जाते थे। गैंग ने कुल 18 करोड़ की ठगी की है। ऐसे कई शिकायतों को संज्ञान में लेने के बाद प्रयागराज की साइबर क्राइम की टीम ने मंगलवार को गैंग के सरगना समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार त्रिपाठी ने बताया कि यह गैंग काफी दिनों से इस कार्य में सक्रिय था, जिसमें कई लोग शामिल हैं। इन्होंने प्रयागराज से रिटायर्ड हेड कांस्टेबल भोला नाथ से 10 लाख एवं रिटायर्ड सब इंस्पेक्टर राजकुमार से 20 लाख की ठगी की है। गिरफ्तार अभियुक्तों के पास से 9 मोबाइल फोन, 15 एटीएम कार्ड, 11 अदद प्री एक्टिवेटेड सिमकार्ड भी बरामद हुए हैं। पुलिस उनकी भी छानबीन में जुटी है।
पुलिस ने बताया कि गैंग के सदस्य बड़ी ही चालाकी से पेंशनरों के खाते से रुपये निकाल लेते थे। वह पेंशनरों का नंबर तलाश कर उनके मोबाइल पर कॉल करते थे। उन्हें बताते थे कि वह कोषाधिकारी बोल रहे हैं। इसमें शामिल लोग अपने मोबाइल के ट्रृ कॉलर पर ट्रेजरी आफिसर के नाम से सेव किए होते थे। पेंशनरों से कहते थे कि उनका पेंशन अपडेट करना है, इसलिए वह नौकरी से सम्बंधित पूरी जानकारी पूछ लेते थे। पेंशन खाते को ऑनलाइन वेरिफिकेशन के नाम पर गोपीनीय दस्तावेजों, ओटीपी को रिमोट एक्सेसिंग एप के माध्यम से प्राप्त कर पेंशनर से ऑनलाइन बैंकिंग एप को डाउनलोड एवं चालू कर उनके खाते से रुपये निकालने में सफल हो जाते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तों में अब्दुल मतीन पुत्र हारून मियां (गैंग सरगना) निवासी बारा, थाना सारठ, जिला देवघर झारखंड। अंकित अग्रवाल पुत्र मिर्चा अग्रवाल निवासी अलीगोल महल, सदर बाजार, बैरकपुर, झारखंड। बसारत अंसारी पुत्र मो. सपतली मियां, निवासी संथाली, जिला देवघर, झारखंड। एसके जीशान हुसैन पुत्र एसके जाकिर हुसैन, निवासी न्यू टेंगरा रोड, गोविंदा खटीक रोड, कोलकाता पश्चिम बंगाल एवं विजय प्रसाद पुत्र मोतीलाल प्रसाद, निवासी मियां जाने लेन, गोविंद रोड, कोलकाता पश्चिम बंगाल हैं। गिरफ्तार करने में प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार त्रिपाठी, उप निरीक्षक अनुज कुमार तिवारी, राघवेंद्र कुमार पांडेय के अलावा सत्येश राय, लोकेश पटेल, रूप सिंह, प्रदीप कुमार यादव समेत साइबर क्राइम थाना की टीम का पूरा सहयोग रहा।