इंस्टाग्राम पर खुद को नेवी कैप्टन बताकर भारतीय महिलाओं से दोस्ती कर ठगने वाले गैंग का पर्दाफाश
नोएडा।। नोएडा पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो इंस्टाग्राम पर युवतियों से दोस्ती कर उन्हें महंगे गिफ्ट भेजने के बहाने अपने जाल में फंसाता फिर कस्टम अधिकारियों द्वारा गिफ्ट पकड़े जाने की बात कहकर उनसे लाखों रुपये क्लीयरेंस के नाम पर ठग लेता था। बड़ी बात ये है कि ये गिरोह अभी तक सैकड़ों हाई प्रोफाइल महिलाओं को अपने झांसे में लाकर ठगी कर चुका है। पकड़े गए गिरोह में 7 नाइजीरियन का नागरिक सहित एक भारतीय महिला शामिल है।
आरोपी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी प्रोफाइल बनाते थे और इसके बाद फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारतीय महिलाओं से संपर्क कर उनसे दोस्ती करते थे। बात करने के दौरान ठग अपने आप को विदेशी पायलट बताते थे और पायलट की फोटो गूगल से डाउनलोड कर महिलाओं को भेजते थे। जब महिलाएं उनके झांसे में आ जाती थी तो वो उन्हें विदेश से गिफ्ट भेजने का लालच दे कर कस्टम क्लीयरेंस और एनओसी चार्ज के नाम पर ठगी को अंजाम देते थे।
इसके लिए वो भारतीय बैंक एकाउंट का इस्तेमाल करते थे, जिसे इनके सहयोगी इनके लिए अरेंज करते थे। इन लिफ्ट की कीमत कई लाखों में होती थी। आगे बताया कि यह आरोपी कोई छोटे मोटे अपराधी नहीं, बल्कि वह शातिर अपराधी हैं जो लगभग 700 युवतियों को अपने जाल में फंसाकर करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दे चुके हैं। यह आठों आरोपी पिछले 9 सालों से ठगी की घटना को अंजाम दे रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों की पहचान डेनियल जोन, कैल्विन ओकाफोर ग्यूईज, उच्चेन्ना एग्बू, जोनस डैक्का, हिबिब फोफाना और ईक्सा सगीर के रूप में हुई हैं। जो मूलनिवासी साउथ कोरिया के हैं। वहीं भारतीय महिला की पहचान राधिका के रूप में हुई है। यह सिक्किम की रहने वाली है। इन्होंने अपना रहने का ठिकाना दिल्ली बनाया हुआ था। यह कार्यवाही कोतवाली 20 द्वारा की गई है।
इतना ही नहीं एसीपी रजनीश वर्मा ने ये भी बताया कि पकड़े गए आरोपियों में से अधिकतर भारत में 2021 में आए हुए थे। इन्होंने भारत आने के लिए पढ़ाई और इलाज के लिए वीजा लिया हुआ था। इनके वीजा 2021 में खत्म हो गया था। उसके बाद यह अवैध तरीके से देश में रहकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे। आरोपियों द्वारा सिक्किम की महिला को कस्टम अधिकारी के रूप में पेश किया जाता था, क्योंकि वह हिन्दी बोलना जानती थी, जिससे वह महिला मित्रों से हिन्दी में बात कर ठगी किया करती थी। गिरोह द्वारा भारतीय रुपए को नाइजीरियन करेंसी में बदलकर अपना पूरा किया करते थे।