पहली बार निजी आपरेटरों के लिए बस स्टेशन बनेंगे, नगर निगम या जिला प्रशासन करेगा निगरानी
उत्तरप्रदेश | रोडवेज बसों की तर्ज पर अब प्रदेश में पहली बार निजी यात्री परमिट वाहनों के लिए बस अड्डे बनेंगे. इससे बस से सफर करने वाले यात्रियों के पास दो विकल्प होंगे. पहला रोडवेज का बस अड्डा तो दूसरा निजी बसों का बस अड्डा होगा. इस व्यवस्था के बाद यात्री चाहे जहां से बस पकड़कर अपना सफर पूरा कर सकेंगे.
अभी तक परिवहन विभाग की ओर से जारी होने वाली यात्री परमिट वाहनों के ठहराव के लिए कोई इंतजाम नहीं थे. ऐसे वाहन सड़क पर सवारियों को बैठाने और उतारने का काम करते हैं. इससे सड़क पर जाम और निजी बस ऑपरेटरों के ड्राइवरों की अराजकता से हादसे का भी डर बना रहता है. इस संबंध में परिवहन विभाग प्रस्ताव बना रहा है. इसमें निजी परमिट पर चल रहे यात्री वाहनों के लिए नियम और शर्ते तैयार हो गई है. जल्द ही प्रस्ताव मंजूरी के लिए शासन भेजा जाएगा.
नगर निगम या जिला प्रशासन करेगा निगरानी तहसील स्तर पर एक और जिले में दो और मंडल स्तर पर तीन बस स्टैंड बनेंगे. इसकी निगरानी के लिए जिला स्तर पर नगर निगम या जिला प्रशासन की देखरेख में बस अड्डा संचालित कराया जाएगा. बदले में निजी ऑपरेटरों से शुल्क लिए जाएंगे.
बस अड्डे के एक किमी. बाहर बनेगा प्रदेश भर में रोडवेज के करीब 260 बस अड्डे हैं. निजी बसों के बस अड्डे रोडवेज बस अड्डे के एक किमी. दायरे के बाहर बनेंगे. परिवहन निगम के एमडी ने पत्र भी परिवहन आयुक्त और जिला प्रशासन को लिखा है.
लखनऊ में 4000 निजी वाहन सड़क पर सवारी भरते लखनऊ में छह रास्तों से करीब 4000 छोटे-बड़े यात्री वाहनों का आवागमन रोज होता है. यह वाहन सड़क पर अवैध स्टैंड बनाकर संचालित हो रहे है.
प्राइवेट बस अड्डे बनने के क्या-क्या फायदे होंगे
● प्राइवेट बसों को पकड़ने के लिए स्थान तय हो जाएंगे.
● सवारियों के लिए शेड, पानी, बैठने, शौचालय बनेगा.
● मिनी बसों से लेकर डबलडेकर बस का स्टापेज होगा.
● स्टैंड बनाने से बिना परमिट वाहन परमिट लेकर चल सकेंगे
● प्राइवेट बसों में ऑनलाइन बुकिंग पर बस पकड़ना आसान होगा
शासन ने निजी परमिट यात्री वाहनों के ठहराव स्थल बनाने की मंशा जाहिर की है. प्रस्ताव बन रहा है. नियम,शर्तें बन गई हैं. जल्द शासन से मंजूरी ली जाएगी. - चंद्रभूषण सिंह, परिवहन आयुक्त