पूर्वांचल के कई जिलों में इन दिनों गंगा और अन्य नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। वाराणसी, चंदौली, बलिया, गाजीपुर, और मिर्जापुर में गंगा लाल निशान पार कर गई है। भदोही में भी जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। लगातार बढ़ रहे गंगा के पानी में लहरें उफान मार रही हैं। बाढ़ के चलते तटवर्ती कई गांव पानी से घिरते जा रहे हैं। स्थिति ये हैं निचले इलाकों में फसलों को रौंद गंगा का पानी अब किनारे ऊंचाई पर स्थित खेतों और मकानों में घुस चुकी है। हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सैकड़ों परिवार बेघर हो चुके हैं। मोक्षदायिनी गंगा के तट पर दाह संस्कार के लिए जमीन नहीं है।
तटवासियों के बीच उफनती गंगा के पानी को देख भय की स्थिति पैदा हो गई है। वाराणसी में गंगा की उफनाई लहरों ने अस्सी घाट को पूरी तरह डूबो दिया है। गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 मीटर से 61 सेंटीमीटर ऊपर 71.87 मीटर तक पहुंच गया है। गंगा में बढ़ाव की रफ्तार सुबह से एक सेंटीमीटर प्रतिघंटा बनी हुई है। जिला प्रशासन की ओर से राहत और बचाव कार्य तेज कर दिया गया है।
मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर खतरे का निशान 77.724 पार कर 77.92 मीटर पर पहुंच गया है। प्रति घंटे 1.5 सेंटीमीटर की रफ्तार से जलस्तर में वृद्धि जारी रही। कछवा से जिला मुख्यालय आने वाले मुख्य मार्ग जौसरा पर बाढ़ का पानी आ जाने से आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है। अभी संपर्क मार्ग से आवाजाही हो रही है। यही स्थिति रही तो भटौली पुल से आवागमन पूर्ण रूप से बंद हो जाएगा।
बलिया में गंगा के जलस्तर में बढ़ोत्तरी जारी है। बाढ़ का पानी अब करीब एक दर्जन गांव में प्रवेश कर चुका है। कुल 50000 की आबादी प्रभावित होती दिख रही है। केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार गंगा का जलस्तर रविवार की शाम चार बजे 59.450 मीटर दर्ज किया गया। यहां खतरा बिंदु 57.615 मीटर है।
बलिया में गंगा उच्चतम बाढ़ बिंदु 60.390 से 94 सेमी नीचे बह रही है। प्रति घंटा एक सेमी का बढ़ाव बना हुआ है। अगले तीन दिन का समय काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। धौरपुर बैराज से छोड़ा गया 25 लाख क्यूसेक पानी 31 अगस्त तक जनपद में पहुंचने की बात कही गई है।
गाजीपुर में गंगा के उफान से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ अब शहरी इलाकों में भी परेशानी बढ़ने लगी है। अब शहर में बंधवा इलाके में पानी घुस गया है। कलेक्टर घाट, ददरीघाट, नवांपुरा घाट की सीढ़ियां भी डूब गई हैं। रेवतीपुर ब्लॉक के आठ मार्ग पूरी तरह बंद होने से एक दर्जन गांवों में आवागमन बंद हो गया है। जलस्तर में एक से दो सेमी प्रतिघंटे की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई है।
चंदौली में तीन सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। पानी खतरे के निशान 71.26 मीटर से 62 सेंटीमीटर ऊपर है। पड़ाव क्षेत्र के रतनपुर, बहादुरपुर, चौरहट, मढ़िया गांव के सैकड़ों मकान गंगा में डूब चुके हैं।
भदोही में रविवार को ढाई सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर बढ़ रहा था। शाम तक जलस्तर 80.500 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान से सिर्फ 70 सेमी नीचे है। तटवर्ती कई गांवों में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। गोपीगंज के रामपुर घाट से 75 महिलाओं और बच्चों को राहत शिविर में भेजा गया।
गंगा के पानी के दबाव से जौनपुर में गोमती नदी का जलस्तर बढ़ गया है। पानी निचले इलाके में जा पहुंचा है, जिससे लोगों की परेशानी बढ़ने लगीं है। बाढ़ का पानी बढ़ने से जहां बरमलपुर गांव का रास्ता अवरुद्ध हो गया है। वहीं चंदवक घाट पर पानी घरों तक पानी पहुचने से लोग आशंकित हो गए हैं। फसलें जलमग्न होने से मवेशियों के लिए चारे का संकट उपन्न हो गया।
आजमगढ़ में घाघरा नदी के जलस्तर में शनिवार को घटाव दर्ज किया गया लेकिन रविवार को नदी फिर बढ़ गई। नदी का जलस्तर बढ़ने से देवारा वासियों की धड़कनें फिर बढ़ गईं। पिछले 24 घंटे में बदरहुंवा गेज पर 16 सेमी. तो डिघिया गेज पर 11 सेमी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। अधिकारियों की मानें तो गिरिजा, शारदा और सरयू बैराज से 98632 क्यूसेक पानी घाघरा नदी में छोड़े जाने से नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई है। घाघरा नदी का जलस्तर घटने- बढ़ने से तटवर्ती क्षेत्रों में कटान तेज हो गया है।