दुल्लहपुर थाना क्षेत्र के मटूकपुर गांव के पास शुक्रवार को धान के फसल की सिंचाई करने जा रहे किसान की चौरीचौरा ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। इधर हादसे के बाद परिजनों के रोने- बिलखने से मृतक के दरवाजे पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। गांव के लोग परिजनों को सांत्वना देकर शांत कराने में जुटे रहे।
गांव निवासी कांता यादव (60) धान की सिंचाई के लिए खेत के तरफ जा रहे थे। इसी दौरान चौरीचौरा ट्रेन की चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। घटना की जानकारी होते ही ग्रामीणों की भीड़ लग गई। वहीं परिवार के लोग भी घटना स्थल पर पहुंच गए। मृतक की चार पुत्री और एक पुत्र है। परिवार का जीविकापार्जन कृषि कार्य से ही वे करते थे। घटना के बाद मृतक की पत्नी लीलावती देवी के बिलखने से सन्नाटा पसर गया। थानाध्यक्ष शैलेश मिश्रा ने बताया कि सिंचाई करने जा रहे हैं वृद्ध ने ट्रेन आने पर ध्यान नहीं दिया और रेलवे ट्रैक पार करने लगे, जिससे चपेट में आने से उनकी मौत हो गई। इधर घटना की जानकारी होते ही जलालाबाद में अध्यापकों ने दो मिनट का मौन रखकर ईश्वर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।