नकली खाद मामले में पूर्व मंत्री के पोते को भेजा गया जेल

Update: 2022-11-13 18:29 GMT
हरदोई। पुलिस ने नकली खाद बनाने के मामले में पूर्व मंत्री शारदा भक्त सिंह के पोते और उसके साथियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है। पुलिस की छापामारी के दौरान शहर में नकली खाद बनाने का भंडाफोड़ हुआ था। हालांकि पहले तो अफसर इस मामले में कुछ भी बताने से हिचक रहे थे। लेकिन पुलिस की सख्ती के बाद उनके अंदर कुछ बोलने की हिम्मत बढ़ी और अब आगे-आगे बोल रहे हैं।
बताते चलें कि शुक्रवार की देर रात सिटी मजिस्ट्रेट सदानंद गुप्ता, सीओ सिटी विनोद कुमार द्विवेदी और ज़िला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने पुलिस टीम के साथ डीएम के निर्देश पर शहर के छोटा चौराहा पर पूर्व मंत्री शारदा भक्त सिंह के बगल में छापा मारते हुए नकली खाद बनाने का भंडाफोड़ किया था।
छापे के दौरान वहां से 49 बोरी काला दानेदार डीएपी जैसा,10 बोरी सफेद महीन दानेदार,53 बोरी तैयार की गई खाद पांच बोरी सफेद सीमेंट जैसा पाउडर, पैकिंग मशीन, इलेक्ट्रानिक कांटा, छपे हुए थैले आदि बरामद हुए सामान को सीज़ कर दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने कोतवाली शहर में ज़िला कृषि अधिकारी की तहरीर पर आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत पूर्व मंत्री के पोते सुरेन्द्र सिंह उर्फ सोनू सिंह के अलावा टड़ियावां के आशा गांव निवासी प्रेमप्रकाश,अनन्तराम व अरविंद और शाहाबाद कोतवाली के नारायण पुर गांव के नन्हे के खिलाफ मामला दर्ज किया था। इसके बाद से पुलिस लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जुटी रही। शनिवार की देर रात उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है।
शारदा भक्त सिंह के नाम का भी चलता था सिक्का
शहर में नकली खाद बनाने के मामले में जिन पूर्व मंत्री शारदा भक्त सिंह का नाम आ रहा है,कभी उनके नाम का सिक्का चलता था। शारदा भक्त सिंह पहले 1967 की कैबिनेट में शामिल किए गए,उसके बाद 1977 की भाजपा सरकार में राजस्व मंत्री बनाए गए थे। छोटा चौराहा जहां पर पूर्व मंत्री का मकान प्रताप भवन के नाम से है,उसे किसी ज़माने में कोठी के नाम से जाना जाता था। जहा से नकली खाद बनाने का काला कारोबार पकड़ा गया, उसी प्रताप भवन की कभी तूती बोलती थी। लेकिन पूर्व मंत्री के न रहने के बाद से धीरे-धीरे सब समाप्त होता चला गया। किनारे लगता चला गया।
लखनऊ से पता चलेगी असलियत
शहर से पकड़े गए नकली खाद के काले कारोबार की असलियत लखनऊ से पता चलेगी। इसके लिए बरामद की गई खाद के नमूने इकट्ठा किए गए हैं। इस बारे में ज़िला कृषि अधिकारी उमेश कुमार साहू ने बताया है कि जो नमूने लिए गए हैं, उन्हें लखनऊ प्रयोगशाला भेजा जाएगा और वहां से जो रिपोर्ट आएगी उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे बताया है कि कृषि विभाग ने भी अपनी जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।

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