श्री काशी विश्वनाथ धाम में भक्तों ने चढ़ाया इतना चढ़ावा कि टूट गए सारे रिकॉर्ड, देखें मोहक तस्वीरें...

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Update: 2022-08-19 12:13 GMT
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ धाम ने इस बार के सावन में अपने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां सावन शुरू होने से लेकर अब तक एक करोड़ भक्तों ने दर्शन किए है। यहां भक्तों ने पांच करोड़ के चढ़ावे के साथ एक करोड़ का सोना और 40 किलो से ज्यादा चांदी चढ़ा कर पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह सिलसिला अभी तक जारी है, हर दिन भक्त भारी संख्या में यहां आते है और श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन कर जलाभिषेक करते है। बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में देश और दुनिया से भक्त काशी दर्शन के लिए आते है। यहां आने वाले भक्तों की संख्या हर रोज बढ़ रही है। खास बात ये है कि अब तक के इतिहास में पहली बार सावन में श्री काशी विश्वनाथ धाम आने वाले भक्तों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
यहां पर दर्शनों के लिए आने वाले भक्त मंदिर में इतना चढ़ावा चढ़ाते है कि इस बार चढ़ने वाले चढ़ावे ने भी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस बार सावन के महीने में जहां एक पांच करोड़ से अधिक का चढ़ावा मंदिर में चढ़ाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर में श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करते हुए इसे भक्तों को समर्पित किया था। लोकार्पण के बाद से ही भक्तों का काशी आगमन लगातार बढ़ता गया। सामान्य दिन में भी डेढ़ से दो लाख दर्शनार्थी दर्शन करने श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंच रहे थे। बाबा विश्वनाथ के प्रिय मास सावन में भी बीते सारे रिकार्ड ही टूट गए है। वहीं हेड काउंटिंग मशीन के जरिए यह पता चला कि प्रतिदिन ढाई से तीन लाख भक्त मंदिर में बाबा का जलाभिषेक करने पहुंचे है। सावन के पूरे महीने के आंकड़ों पर गौर फरमाए तो ये संख्या एक करोड़ के पार हो गई है।
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में चढ़ावे की बात की जाए तो पांच करोड़ का चढ़ावा चढ़ाया गया है। इसमें विभिन्न साधन शामिल हैं, जैसे मसलन, मनी ऑर्डर, दानपात्र, ऑनलाइन और ऑफलाइन। इस बार सोने चांदी की बात की जाए तो लगभग 40 किलो से ज्यादा चांदी का चढ़ावा मंदिर में आया है वहीं एक करोड़ से अधिक का सोना भी बाबा के दरबार में भक्तों ने दान दिया है। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में भक्तों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने कड़े सुरक्षा प्रबंध किए है। इस बार सावन में टेंट, मैटिंग, पेयजल, ग्रिल, बिजली कूलर समेत अन्य संसाधन लगाए गए है, ताकि किसी भी भक्त को किसी प्रकार की असुविधा ना हो। इस व्यवस्था को भी करने में मंदिर प्रशासन ने लगभग डेढ़ से 2 करोड़ रुपए खर्च किए है।
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