किशोरी का खेत में मिला क्षत-विक्षत शव

Update: 2023-02-25 09:13 GMT
हमीरपुर। राठ कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से 12 दिन पूर्व अपहृत हुई किशोरी का शव क्षत विक्षत अवस्था में खेत में मिलने से सनसनी फैल गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मौके पर पहुंचे मृतक किशोरी के परिजनों ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पिता की तहरीर पर गांव के ही एक व्यक्ति और उसके पुत्र पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज हुई है।
शुक्रवार को गांव निवासी गोविंद दास अहिरवार के खेत के एक कोने में ग्रामीणों को अज्ञात शव मिलने की जानकारी हुई। शव झाड़ियों के नीचे क्षत विक्षत हालत में पडा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को बाहर निकलवाया तो उसकी पहचान कराई। खेत में शव मिलने से ग्रामीणों की भीड़ लग गई। मौके पर पहुंचे मृतका के पिता ने बताया कि 12 फरवरी को उसकी पुत्री को गांव का हरिश्चंद्र कुशवाहा भगा कर ले गया था। 16 फरवरी को उसने कोतवाली में तहरीर दी थी, लेकिन पुलिस ने उसकी तहरीर पर कोई भी कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा। इतना ही नहीं पुलिस ने जांच करने की भी जहमत नहीं उठाई। मृतक किशोरी के पिता ने गांव के हरिश्चंद्र व उसके पिता सुखलाल पर पुत्री की हत्या कर शव को फेंकने का आरोप लगा रिपोर्ट दर्ज कराई है।
पुलिस अधीक्षक शुमभ पटेल ने मौके पर पहुंच घटना की जांच पड़ताल की। कहा जली अवस्था में किशोरी का शव मिलने की सूचना पर डॉग स्क्वायड की टीम जांच पड़ताल में जुटी है। घटना की गहनता से जांच पड़ताल कराई जा रही है। शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। 12 दिन पूर्व से गायब किशोरी का शव मिलने से गांव में हड़कंप है। किशोरी के पिता ने बताया कि उसकी पुत्री तीन माह के गर्भ से थी। लोकलाज के डर से उसने पुत्री का रिश्ता महोबा जनपद के गुढा कुरई में तय कर दिया था, अभी कुछ दिन पहले पुत्री की गोद भराई की रस्म हुई थी। छह मई को बेटी की शादी होनी थी। उसे क्या पता था कि वह अपनी बेटी के पीले हाथ नहीं कर सकेगा। चर्चा है कि किशोरी के संबंध गांव के एक युवक से थे। अक्सर ही दोनों मिला करते थे। पिता ने यह भी बताया कि बेटी की शादी के लिए उसने युवक के परिजनों से वार्ता की थी। परंतु उसका कोई हल नहीं निकला था। इसके बाद उसकी बेटी गायब हो गई थी।
पुलिस की लापरवाही और गैर जिम्मेदार रवैये के चलते किशोरी की जान चली गई। पुलिस चाहती तो उसकी जान बच जाती। उसके पिता का आरोप है कि 12 फरवरी को वह गायब हो गई थी। 16 फरवरी को उमा के गायब होने पर उसने थाने में शिकायत की थी। पुलिस ने उसके प्रार्थनापत्र पर गुमशुदगी की रिपोर्ट भी नहीं लिखी और न ही उसके खोजने में दिलचस्पी दिखाई। बताया जाता है कि हल्के के दरोगा ने आरोपी युवक को थाने में एक दिन बुलाया और पूछताछ कर छोड़ दिया था, परंतु किशोरी को बरामद नहीं कर सकी थी। आठ दिन बाद किशोरी का शव मिला।
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