दिल्ली-एनसीआर के कांवड़ियों के लिए राहत भरी खबर है। वे हरिद्वार आने-जाने के लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे (DME) का इस्तेमाल कर सकते हैं। DME के टोल प्लाजा पर आने-जाने की दो-दो लेन कांवड़ियों के लिए खोल दी गई हैं। इसका फायदा ये होगा कि कांवड़िए 2 रूट पर बंट जाएंगे। जिससे जाम नहीं लगेगा।
एक्सप्रेस-वे पर प्रतिबंधित थे गाड़ियां
दिल्ली के सराय काले खां से मेरठ के परतापुर तक बनाए गए एक्सप्रेस-वे को 31 मार्च 2021 में पब्लिक के लिए खोल दिया गया था। NHAI ने एक्सप्रेस-वे पर दोपहिया और तिपहिया वाहनों का संचालन रोका हुआ है। समय-समय पर पुलिस इस एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले दोपहिया व तिपहिया वाहनों के चालान काटती रहती है। लेकिन कांवड़ यात्रा के चलते इस नियम में बदलाव कर दिया गया है।
मोदीनगर-मुरादनगर में चल रहा रैपिड वर्क
अभी तक दिल्ली, एनसीआर, हरियाणा और राजस्थान के कांवड़िए हरिद्वार गाजियाबाद से मुरादनगर-मोदीनगर होकर जाते हैं। गाजियाबाद से मेरठ के बीच रैपिड रेल का काम चल रहा है। इस वजह से सड़क थोड़ा संकरी हो गई है। हालांकि प्रोजेक्ट पर काम करने वाली कंपनी ने कांवड़ यात्रा के मद्देनजर पूरा रास्ता लगभग क्लीन कर दिया है। काम बंद करते हुए बड़ी मशीनें रास्ते से हटा ली हैं।
कांवड़ियों के 3 रूट होने से मिलेगी राहत
चूंकि अब दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बन चुका है, इसलिए उसे भी कांवड़ियों के लिए खोल दिया गया है। कांवड़िए इस एक्सप्रेस-वे से दिल्ली से मेरठ तक आ सकते हैं। इस एक्सप्रेस-वे पर अभी तक एकमात्र टोल प्लाजा मेरठ के परतापुर क्षेत्र में है। इस टोल प्लाजा पर दोनों तरफ दो-दो लेन कांवड़ियों के लिए आरक्षित कर दी गई हैं।
ऐसा होने से अब कांवड़ियों के तीन रूट हो गए हैं। एक रूट दिल्ली-देहरादून हाईवे, दूसरा रूट एक्सप्रेस-वे और तीसरा रूट मुरादनगर गंगनहर है। यानि अब कांवड़ियों का सारा दबाव मेरठ से मुरादनगर-मोदीनगर-गाजियाबाद वाले रूट पर नहीं रहेगा। निर्देश दिया गया है कि टोल प्लाजा पर कांवड़यों के वाहन से कोई टोल वसूली न हो। डाक कांवड़ वाले डीजे, बाइकें समेत सभी वाहन 26 जुलाई तक एक्सप्रेस-वे पर चल सकेंगे।