आसाराम बापू आश्रम में किशोरी का शव मिलने के मामले में कोर्ट सख्त
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गोंडा। नगर कोतवाली के बिमौर गांव स्थित संत आसाराम बापू आश्रम में खड़ी अल्टोकार में मिले किशोरी के शव को परिवारजन को न देकर अंतिम संस्कार किए जाने के मामले में लखनऊ उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व सरोज यादव की डबल बेंच ने एसपी गोंडा से व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही एसपी से सवाल किया है कि जो आरोपित थे ,उनके विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई। इस मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को सुनिश्चित की है।
याचिका में कहा गया कि गीता पांडेय की बेटी का शव आसाराम बापू के आश्रम में खड़ी अल्टोकार में बरामद हुआ था। इसमें मृतका की माता ने सात अप्रैल 22 को मुकदमा कराया था। याचिका कर्ता के अधिवक्ता गणेश नाथ मिश्र ने कहा कि चार माह बीत जाने के बावजूद भी कोई कठोर कार्रवाई न होने के कारण मृतका की मां ने उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ में रिट याचिका योजित करके पूरे प्रकरण की सीबीआइ जांच कराने की मांग की है।
बलरामपुर के दो लोगों ने देखा था शव : नगर कोतवाली के बिमौर की रहने वाली गीता पांडेय की बेटी का शव घर से करीब 50 मीटर की दूरी पर संत आसाराम बापू आश्रम परिसर में खड़ी कार से बरामद हुआ था। कार का दरवाजा लाक था और उसकी चाबी सेवादार के पास थी।
घरवालों व सेवादार को भी घटना की भनक तक नहीं लगी। जबकि, बलरामपुर के रहने वाले दो लोग आश्रम में ठहरे और उन्हें कार में किशोरी का शव दिख गया, जो सवालों के घेरे में आ गया था। घटना के बाद पुलिस ने जांच को लेकर आश्रम के मुख्य गेट पर ताला लगवाकर लोगों के आवागमन पर रोक लगा दी थी।
सबसे छोटी थी बेटी : नगर कोतवाली के विमौर गांव की रहने वाली गीता पांडेय के तीन बेटे व एक बेटी थी। बड़ा बेटा आशीष एमए, दूसरा बेटा मनीष बीएससी व तीसरा बेटा आयुष पांडेय इंटरमीडिएट में पढ़ रहा है। छोटी बेटी खुशी उर्फ स्वाती पांडेय कक्षा पांच की छात्रा थी। बीते पांच अप्रैल को किसी बात को लेकर खुशी को मां ने डांटा था। इसके बाद वह घर से कहीं चली गई। बताया कि पूरी रात बहन की तलाश की गई लेकिन, उसका कहीं पता नहीं चला था। बाद में उसका शव कार से बरामद हुआ था।