रामपुर। किशोरी का अपहरण करके उसको छह माह तक अपने घर में रखने के मामले में एफटीसी प्रथम कोर्ट ने दंपति को चार-चार साल की सजा और दस-दस हजार का जुर्माना लगाया। शाहबाद थाना क्षेत्र के गांव अलफगंज निवासी सरोजदेवी का कहना है कि उसकी भतीजी उसके पास रहकर पढ़ाई कर रही थी। कि अचानक से 30 मई 2010 को गायब हो गई थी। उसको काफी तलाशने के बाद भी पता नही लग सका था। इस मामले में पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर ली थी।कुछ समय के बाद किशोरी शाहबाद में मिल गई थी।
गांव वाले उसको घर ले गए थे। बाद में जानकारी मिलने के बाद पुलिस भी पहुंच गई थी। इसके बाद उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने सात लोगों कार्रवाई करते हुए सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। एफटीसी प्रथम की कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। कोर्ट ने इस मामले में सोमवार को पांच आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। एडीजीसी कुमार सौरभ ने बताया कि मंगलवार को आरोपी राजेंद्र को धारा 368 में चार साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया। इसके अलावा पुष्पा रानी को भी कोर्ट ने चार साल की सजा और दस हजार जुर्माना लगाया है।
शाहबाद थाना क्षेत्र गांव अलफगंज से किशोरी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई थी। जहां दिल्ली के रहने वाले राजेंद्र और उसकी पत्नी पुष्पा रानी उसको अपने साथ दिल्ली ले गए थे। जहां करीब छह माह तक उसको दंपति ने अपने साथ दिल्ली में रखा था,लेकिन डर के मारे दोनों लोग उसको शाहबाद छोड़कर चले गए थे। पुलिस ने किशोरी के साथ वहां पर जाकर जानकारी हासिल की थी। किशोरी ने कोर्ट में बयान भी दर्ज कराए थे। उसके बाद इन दोनों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। जिसके बाद दोनों को चार-चार साल की सजा हो गई।