लखनऊ (एएनआई): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कर्नाटक में अपनी चुनावी रैलियों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम की 100वीं कड़ी सुनी.
सीएम योगी ने कोप्पल जिले के गंगावती विधानसभा क्षेत्र में जनसभा से पहले कार्यक्रम का प्रसारण सुना.
उधर, यूपी के राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने भी 'मन की बात' कार्यक्रम की सौवीं कड़ी सुनी. इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अन्नपूर्णा हॉल में 'मन की बात' और 'आजादी का अमृत महोत्सव' पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मन की बात' हमेशा सकारात्मकता को प्रेरित और बढ़ावा देने वाली होती है. उन्होंने कहा कि 'मन की बात' कार्यक्रम ने देश और समाज को जोड़ा है और एक जन आंदोलन बन गया है।
मन की बात के 100वें संस्करण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चटाई बनाने वाले यूपी के गढ़मुक्तेश्वर के संतोष के बारे में बात की. प्रधानमंत्री ने संतोष के प्रयासों को 'वोकल फॉर लोकल' का प्रशंसनीय उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने 100वीं कड़ी के दौरान देश भर से मिले पत्रों और संदेशों का जिक्र करते हुए इसे करोड़ों भारतीयों का मन बताया।
प्रधानमंत्री ने 3 अक्टूबर, 2014 को विजय दशमी पर्व पर शुरू हुए मन की बात कार्यक्रम के प्रत्येक एपिसोड को सकारात्मकता और लोगों की भागीदारी के उत्सव के रूप में वर्णित किया। उन्होंने कहा कि खादी, प्रकृति, अमृत महोत्सव, स्वच्छता अभियान और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान 'मन की बात' के कारण ही जन अभियान बन सके। पीएम मोदी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ साझा की गई मन की बात का भी जिक्र किया, जिसके बाद यह कार्यक्रम पूरी दुनिया में मशहूर हो गया.
प्रधानमंत्री ने सेल्फी विद डॉटर अभियान शुरू करने वाले हरियाणा के सुनील जागलान का भी जिक्र किया, जो 'मन की बात' पर प्रसारित होने के बाद वायरल हो गया। इसके अलावा उन्होंने देश भर में महिलाओं द्वारा किए जा रहे रचनात्मक कार्यों के बारे में बात की। पीएम ने रचनात्मक कार्यों के लिए जम्मू-कश्मीर के मंजूर अहमद, विशाखापत्तनम के वेंकट मुरली प्रसाद, बेतिया के प्रमोद और मणिपुर की विजय शांति देवी का भी जिक्र किया.
100वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने भारत के खिलौना उद्योग, देशी कुत्तों के प्रति जागरुकता, गरीब दुकानदारों से मोलभाव न करने का संकल्प, हर घर तिरंगा अभियान का जिक्र किया और कहा कि ये सभी अभियान 'मन की बात' कार्यक्रम से ही जन आंदोलन बने.
पीएम ने हिमालयी क्षेत्र से कचरा एकत्र करने वाले हरियाणा के प्रदीप सांगवान के हीलिंग हिमालय अभियान का भी जिक्र किया। उन्होंने एक बार फिर 'मन की बात' कार्यक्रम के विभिन्न संस्करणों में उठाए गए स्वच्छ सियाचिन, ई-वेस्ट, सिंगल यूज प्लास्टिक और पर्यावरण के मुद्दों को याद किया।
इस बीच यूनेस्को के डीजी ने प्रधानमंत्री के मन की बात की सराहना करते हुए भारत में शिक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानना चाहा. इसको लेकर पीएम मोदी ने ओडिशा के डी प्रकाश राव, झारखंड के संजय कश्यप और हेमलता एनकेजी जैसे शिक्षकों का उदाहरण पेश किया और विशेष रूप से केरल और कर्नाटक में शिक्षा को बढ़ावा देने और संस्कृति को संरक्षित करने के प्रयासों का जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने चरैवेति चरैवेति के मंत्र का उल्लेख करते हुए इसे 'मन की बात' का प्रेरणा स्रोत बताया। (एएनआई)