सरकारी स्कूल में बिना किताबों के पढ़ने में मजबूर हुए नौनिहाल, बच्चों के भविष्य पर छाया अंधकार

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Update: 2022-08-31 12:17 GMT
मेरठ। वैसे तो योगी सरकार शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए बहुत प्रयास कर रही है ताकि गरीब से गरीब बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिखाई दे रही है। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से आया है। जहां सरकारी स्कूल में नौनिहालों को किताबें नहीं मिल पा रही है। बताया जा रहा है कि लाखों बच्चे बिना किताबों के ही पढ़ाई कर रहे हैं। ताजा मामला जिले के बेसिक शिक्षा संबंधित प्राथमिक विद्यालय का है।
यहां लाखों बच्चों को अभी तक पढ़ने के लिए किताबें नहीं मिल पाई हैं। जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि शासन से मेरठ को कुल 11 लाख किताबें मिलनी हैं। जिसका वितरण किया जाना है। उसमें से अभी तक 6 लाख किताबें ही मिल पाई हैं। बता दें कि यहां लगभग 1072 परिषद स्कूल संचालित है। जिसमें 637 प्राथमिक, 171 उच्च प्राथमिक, 264 कम्पोजिट विद्यालय हैं। इनमें कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के विद्यार्थी शिक्षा अध्ययन करते हैं, लेकिन कोर्स की किताबों में सिर्फ 3 से 4 किताबें ही एक स्टूडेंट को मिल पाई हैं।
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