मुख्यमंत्री योगी ने फ्लीट रोककर वाराणसी में एम्बुलेंस को दिया रास्ता, पुलिस ने किया स्कॉर्ट
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वाराणसी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को वाराणसी शहर में भ्रमण के दौरान मानवीय संवेदना की बड़ी मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर वीआईपी प्रोटोकॉल के दौरान फंसी एक एम्बुलेंस को ना सिर्फ रास्ता दिया गया , बल्कि वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की ओर से एम्बुलेंस को स्कॉर्ट करते हुए सही समय पर तत्काल अस्पताल तक पहुंचाया गया। एम्बुलेंस में एक महिला डिलवरी के बाद काफी क्रिटकल कंडीशन में थी, जिन्हें उनके परिजन अस्पताल लेकर जा रहे थे। इसी बीच मुख्यमंत्री का काफिला उधर से गुजर रहा था। वाराणसी पुलिस कमिश्नर ए सतीश गणेश ने बताया कि मुख्यमंत्री का काफिला पुलिस लाइन से सारनाथ के लिए निकला ही था कि एक एम्बुलेंस आती दिखी। एम्बुलेंस में एक महिला जिनका नाम अंजलि सिंह है, काफी क्रिटकल कंडीशन में थी। उन्हें डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग की गम्भीर समस्या थी। ऐसे समय में तुरंत इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री को दी गयी।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आते ही एम्बुलेंस के लिए तुरंत रास्ता खाली कराया गया। एम्बुलेंस को वाराणसी ट्रैफिक पुलिस की ओर से स्कॉर्ट किया गया और अति शीघ्र अस्पताल तक पहुंचाया गया। महिला के पति अभिषेक सिंह ने बताया कि वे वाराणसी के चौबेपुर स्थित धरहरा गांव के निवासी हैं। उनकी पत्नी की डिलवरी के बाद काफी ज्यादा ब्लीडिंग हो रही थी। वे लोग उन्हें लेकर अस्पताल जा रहे थे, तभी रास्ते में मुख्यमंत्री योगी का काफिला आता दिखा। लगा कि हमारी एम्बुलेंस अब फंस जाएगी और हम समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सकेंगे। अभिषेक के अनुसार हमने अपनी स्थिति की जानकारी वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री तक ये बात पहुंची और उन्होंने खुद संज्ञान लेते हुए हमारी एम्बुलेंस को रास्ता मुहैया कराया। अभिषेक की मानें तो उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि प्रशासन उनकी एम्बुलेंस को आगे जाने देगा। लेकिन खुद मुख्यमंत्री ने जो संवेदनशीलता दिखायी है, उसके लिए उनका परिवार सदा आभारी रहेगा। परिजनों ने महिला को वाराणसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।