वर्ष 1942 में जब पूरे देश में अंग्रेजों भारत छोड़ों का नारा गूंज रहा था तभी अंग्रेज अफसरों के जुल्मों से त्रस्त होकर इलाकाई देशभक्तों ने कोठी को आग लगा फूंक डालने की योजना बनाई और 23 अगस्त 1942 की दोपहर देशभक्तों ने एकाएक धावा बोलकर पूरी कोठी को आग के हवाले कर दिया था।
घाटमपुर में विकास खंड भीतरगांव क्षेत्र के मोहम्मदपुर नर्वल गांव में आजादी के दीवानों ने 23 अगस्त 1942 को अंग्रेज अफसरों की प्रताड़ना से त्रस्त होकर उनकी मिनी तहसील मोहम्मद कोठी को आग लगाकर फूंक दिया था। अंग्रेज अफसर विद्रोह की खबर पाकर अपने परिवार के साथ घटना से पहले ही मौके से भाग निकले थे।
ब्रिटिश सरकार ने इस अग्निकांड में शामिल 30 देशभक्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर 19 को नामजद किया गया था। भीतरगांव ब्लाक मुख्यालय से 22 किमी दूर कुड़नी इलाके के रामगंगा नहर किनारे मोहम्मदपुर नर्वल गांव बसा है। यही पर अंग्रेज अफसरों ने सन1900 में लघु तहसील निरीक्षण भवन का निर्माण कराया था।
मुकदमे, जुर्माना और लगान की फाइलें इसी तहसील में रखी जाती थी। वर्ष 1942 में जब पूरे देश में अंग्रेजों भारत छोड़ों का नारा गूंज रहा था तभी अंग्रेज अफसरों के जुल्मों से त्रस्त होकर इलाकाई देशभक्तों ने कोठी को आग लगा फूंक डालने की योजना बनाई और 23 अगस्त 1942 की दोपहर देशभक्तों ने एकाएक धावा बोलकर पूरी कोठी को आग के हवाले कर दिया था।
सभी अभियुक्तों को 9 महीने कारावास और 30 रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। अब खंडहर में तब्दील इस कोठी परिसर में अंग्रेज जमाने का वाच टावर, बरगद पेड़, छतरीदार कुआं, खंडहर में तब्दील पुरानी इमारतें आज भी अंग्रेजों की जुल्म भरी दास्तां और आजादी के दीवानों की मूक गवाह मौजूद हैं।
ये क्रांतिकारी थे शामिल
इस मिनी तहसील को फूंकने वाले क्रांतिकारियों में सदाशिव अवस्थी दौलतपुर, राम नारायण पांडेय, सरजू नारायण पांडेय, शिव नारायण पांडेय, शिवलाल पांडेय, गयादीन यादव, लल्लू यादव, जगत अग्निहोत्री, मथुरा लोहार निवासीगण मोहम्मदपुर, प्रेम नारायण दीक्षित महोलिया, रामनाथ यादव तिवारीपुर (भीतरगांव), बाबू सिंह वैस गोपालपुर, शहजादे लाल बरईगढ़, गज्जा जहूर बक्स बरुई अकबरपुर, सुन्दर लाल कुड़नी, गिरजाशंकर पांडेय अमौर, बलऊ पाठक करचुलीपुर, मोहनलाल भट्ट गौरी, शिवराम शुक्ला उमरा शामिल थे।