विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सपा नेता आजम खां पर वाल्मीकि समाज के खिलाफ आपत्तिजनक जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया था। टांडा थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। गवाह के नहीं आने के कारण सुनवाई टल गई। अब इस मामले में 18 अक्टूबर को सुनवाई होना है।मामला साल 2007 का है। विधानसभा चुनाव के प्रचार के लिए आजम खां के टांडा में जनसभा करने के बाद बसपा नेता धीरज कुमार शील ने टांडा थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया था कि आजम खां ने जनसभा को संबोधित करते हुए वाल्मीकि समाज के खिलाफ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपमान किया था।
इससे विभिन्न वर्गों के लोगों में शत्रुता को बढ़ावा दिया और लोगों के बीच दुश्मनी या नफरत पैदा करने, धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटने का प्रयास किया। तहरीर के बाद पुलिस ने इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। पुलिस ने विवेचना के बाद कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। जिसके बाद कोर्ट ने 30 अक्तूबर 2021 को आजम खां पर आरोप तय कर दिए थे। इस मामले में आजम खां की जमानत पहले ही मंजूर हो चुकी है। अब यह मामला एमपी-एमएलए कोर्ट सेशन ट्रायल में चल रहा है। गुरुवार को गवाह नहीं आने के कारण सुनवाई टल गई। अब इस मामले में 18 को होनी है।