घोड़े पर सवार होकर दुल्हे के घर पहुंची दुल्हन, वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
मुजफ्फरनगर। बदलते दौर में पुरानी परंपरा टूटने लगी है। सदियों से दूल्हों की घुड़चढ़ी की परंपरा चली आ रही है लेकिन मुज़फ्फरनगर में घर की इकलौती बेटी घोड़ा बग्गी में सवार होकर घुड़चढ़ी के लिए निकली और सदियों की परंपरा को तोड़ जमकर जश्न मनाया गया। वही मेहमानों और घुड़चढ़ी देख रही जनता ने बेटी को शाबाशी दी और भविष्य के लिए आशीर्वाद दिया। दुल्हन की घुड़चढ़ी के पीछे का कारण घर मे बेटे ना होने के कारण बेटी की शादी में ही सभी अरमान पूरे करने के लिए ये आयोजन किया गया। साथ ही लोगो को संदेश भी दिया गया कि बेटियां बेटों से कम नही होती है।
दरअसल आमतौर पर विवाह समारोह में चढ़त के समय दूल्हों की ही घुड़चढ़ी होती है, लेकिन मुज़फ्फरनगर जनपद की खतौली कस्बे की जगत कालोनी निवासी पिंटू अहलावत व पूनम अहलावत की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी है जिसकी घुड़चढ़ी उसके माता पिता ने अपने अरमान पूरे करने के लिए की क्योकि उनके कोई भी बेटा नही है। सिमरन बग्गी पर सवार थी और भीड़ गानों की धुन पर थिरक रहे थे वही परिवार को नाचते देख दुल्हन सिमरन भी अपने आप को रोक नही पाई और बग्गी पर बैठे बैठे ही जमकर नाचती नजर आई। वही माता-पिता ने बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाई और उच्च शिक्षा दिलाकर उसकी विदेश दुबई में नोकरी लग वा दी गई। अब सिमरन के हाथ पीले कर बाबुल के आंगन से ससुराल की दहलीज पर पहुंचने की रस्म अदा की जा रही हैं। दुल्हन सिमरन का कहना है कि मेरे माता पिता ने मुझे लड़के की तरह पाला है और कभी भी लड़का लड़कियो में फर्क नही करना चाहिए। वही सिमरन के पिता पिंटू अहलावत का कहना है कि हमने कभी अपनी बेटी को बेटों से कम नही समझा उसे पढ़ाया लिखाया और दुबई में नोकरी कर रही है अब उसकी शादी है उसकी घुड़चढ़ी की गई सब नाचे कूदे खूब जश्न मनाया हमारे कोई बेटा नही है हम तो बेटी को ही बेटा मानते है और उसकी शादी में ही सब अरमान पूरे कर रहे है ओर हम तो सन्देश भी दे रहे है कि कभी बेटा बेटी में फर्क नही करना चाहिए। वही स्वजन ने बताया कि बेटी की शादी को यादगार और बेटा व बेटी में भेदभाव रखने वालों को संदेश देने के लिए मिसाल पेश की है।