सपा के गढ़ को ढहाने की तैयार में बीजेपी, क्या अखिलेश बचा पाएंगे नेताजी की विरासत!
बड़ी खबर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी,रामपुर और खतौली सीट के लिए बीजेपी ने मंगलवार को अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया। बीजेपी ने मैनपुरी उपचुनाव के लिए रघुराज शाक्य को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं रामपुर सीट पर पार्टी ने आकाश सक्सेना को अपना उम्मीदवार बनाया है। आकाश सक्सेना को रामपुर में आजम खान के धुर विरोधी माना जाता है। मुजफ्फरनगर की खतौली विधानसभा उपचुनाव में राजकुमारी सैनी को टिकट दिया है। राजकुमारी सैनी विक्रम सिंह सैनी की पत्नी हैं, जिनकी सदस्यता रद्द होने पर सीट खाली हुई है।
नेताजी की विरासत बचाने की अखिलेश को चुनौती
मैनपुरी में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद चुनाव हो रहा है। यहां से सपा ने पूर्व सांसद डिम्पल यादव को उतारा है। जबकि रामपुर से आजम खान और खतौली से बीजेपी विधायक रहे विक्रम सिंह सैनी की सदस्यता रद्द होने के बाद उपचुनाव हो रहा है। खतौली से आरएलडी-सपा गठबंधन से मदन भैया मैदान में उतरे हैं। हालांकि दोनों पार्टियों के लिए यह चुनाव अहम हो गया है। नेताजी के गैरमौजूदगी में अखिलेश यादव का यह पहला चुनाव है। अखिलेश यादव रामपुर, और मैनपुरी में जीत दर्ज करते हैं तो उनके लिए 2024 के अच्छे संकेत हैं। वहीं भाजपा आज़मगढ़ की तरह उपचुनाव में जीत दर्ज करती है तो उसे आने वाले चुनाव में इसका लाभ मिल सकता है।
कब है चुनाव
मैनपुरी और खतौली सीट पर 17 नवंबर तक नामांकन होगा, जबकि रामपुर सीट पर 18 नवंबर तक नामांकन होगा। इन सीटों पर पांच दिसंबर को वोटिंग होगी और आठ दिसंबर को वोटों की गिनती होगी। सभी पार्टी अपनी जीत के दावे कर रही हैं।
सपा के लिए अहम है उपचुनाव
सपा संस्थापक और यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में यादव परिवार का ये पहला चुनाव होगा। मुलायम सिंह के निधन के कारण इस सीट पर सहानुभूति की लहर सपा को मिल सकती है। यही वजह है कि मुलायम परिवार से मैनपुरी सीट पर चुनाव लड़ने के दावेदारों में धर्मेंद्र यादव से लेकर तेज प्रताप यादव तक के नामों की चर्चा थी। शिवपाल यादव के खुद के भी चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे, लेकिन अखिलेश यादव ने राजनीतिक दांव खेला और अपने पिता मुलायम सिंह की सीट से परिवार के किसी दूसरे सदस्य को उपचुनाव लड़ाने के बजाय अपनी पत्नी डिंपल यादव को चुनावी मैदान में उतार दिया। ताकि अपने पिता मुलायम सिंह की विरासत उनके ही पास बनी रहे। रामपुर में आज़म खान की सदस्यता रद्द होने के बाद सीट खाली हुई है। यहां भी सपा को अपना गढ़ बचाने की चुनौती है। खतोली में एक बार फिर आरएलडी-सपा गठबंधन का इम्तहान है। इस सीट पर सपा गठबंधन से आरएलडी ने मदन भैया को उम्मीदवार बनाया है।
गढ़ ढहाने को तैयार बीजेपी
दूसरी तरफ इन सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। बीजेपी हर चुनाव की तरह इसे भी गंभीरता से ले रही है। इसके लिए बीजेपी ने पहले से तैयारियां शुरु कर दी थी। मैनपुरी से सपा के सांसद रहे रघुराज शाक्य को मैदान में उतार कर बड़ी चुनौती दी है। दूसरी तरफ रामपुर से आज़म खान के खिलाफ लगातार संघर्ष करने और केस दर्ज कराने वाले आकाश सक्सेना को उतारा है। बीजेपी इस उपचुनाव में सपा के दोनों गढ़ को ढहाने की कोशिश कर रही है। दरअसल बिखरा विपक्ष, सपा का उदासीनता भरा प्रचार तंत्र और कार्यकर्ताओं में निराशा का फायदा बीजेपी उठाना चाह रही है। इससे पहले भी बीजेपी ने उपचुनाव में आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करके सपा के गढ़ को ढहा दिया था।