शामली। शामली की सरकारी गोशाला में गोवंश का बुरा हाल है। गोशाला में गाय की संख्या क्षमता से ज्यादा होने के साथ ही उनके रखरखाव लापरवाही सामने आ रही। घायल गोवंश बिना उपचार के गोशाला में इधर-उधर घूमते रहते हैं। गोवंश की बीमारियों मौत हो रही है। गोशाला में साफ-सफाई और वंश के रखरखाव के लिए सख्त दिशा निर्देश दिए गए हैं। बीमारी के चलते अन्य जनपद से आने वाले पशुओं पर पूर्ण पाबंदी लगा दी गई है। जनपद में लगने वाले पशु पेट को भी बंद करने के आदेश दे दिए गए हैं। जिलाधिकारी गोवंश के लिए अच्छी व्यवस्था बता रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। जबकि जिले में अन्य जनपद से पशुओं के आने-जाने पर भी रोक लगा दी है। जबकि मुख्यमंत्री के आदेश के बाद सरकारी गोवंश की सुरक्षा और रखरखाव के लिए गोशाला का निर्माण कराया गया था।
यह जिम्मेदारी एनजीओ और अन्य सामाजिक लोगों को सौंपी गई थी।बीमारी के बारे में उन्होंने बताया कि गोशाला की गाय व घरेलू गाय में बीमारी आ रही हैं। बीमारी होने के बाद उनको अलग रखा जाता है। जबकि गोशाला केन्द्र के इंजार्च के वादे जमीनी हकीकत के उलट हैं। कस्बा बनत के पास बनी सरकारी गोशाला का है। जहां 200 से 225 गाय रखने की व्यवस्था है, लेकिन वर्तमान में 300 के करीब गाय हैं। जिससे उन्हें खाने और बैठने में दिक्कत होती है। दूसरे-तीसरे दिन गोशाला में 1-2 गाय के मरने की सूचना मिलती है। उनके मरने के बाद गोशाला के अंदर ही गड्ढे खोदकर उनको हल्की सी मिट्टी डालकर दफन कर दिया जाता है। इसके बाद कुत्ते और अन्य जानवर मिट्टी हटाकर उन्हें नोचते नजर आते हैं। जिससे गोशाला में गोवंश के अवशेष पड़े रहते हैं।