राम मंदिर के साथ 11 हजार करोड़ के निवेश से मिलेगा उद्योग को बढ़ावा, कई योजनाओं पर मिलेगा लाभ
अयोध्या। उत्तर प्रदेश की रामनगरी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। बता दें कि मंदिर निर्माण के अलावा अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटक नगरी बनाए जाने के लिए भी कई योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार यहां के उद्योग को बढ़ावा देने की योजनाओं को तैयार किया जा रहा है। फरवरी 2023 में लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जाएगी।
यूपी सरकार द्वारा इस समिट के जरिए प्रदेश के निवेशकों को आकर्षित किया जाएगा। नई इकाइयों के निवेश को लेकर अयोध्या मंडल में 11 हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया है।
वहीं क्षेत्रीय प्रबंधक केएन श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी की तरफ से यूपी जीआईएस-2023 के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
इसके अलावा GIS -2023 को सफल बनाने के लिए कार्य योजना के पहले चरण में अधिक से अधिक निवेश बढ़ाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए उद्यमी संगठनों के साथ गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। अयोध्या जिले की पहचान राइस मिल, फ्लोर मिल, बेकरी उद्योग और हाई फ्लो बैटरीज के रूप में बनी है।
वहीं अमेठी जिला अब पोल्ट्री फीड के रूप में अपनी पहचान बना चुका है। अमेठी जिले में पहले से ही पोल्ट्री फीड से सम्बन्धित कई बड़ी इकाईयां कार्यरत हैं। वहीं मेकर्स स्काई लार्क फीड्स अपनी इकाई स्थापित कर रही है।
साथ ही कई अन्य छोटी-छोटी इकाइयां भी स्थापित की जा रही हैं। यहां पर ग्रासिम इंडस्ट्रीज, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया व भेल अतिरिक्त औद्योगिक क्षेत्र में कार्यरत हैं। 11 हजार करोड़ रुपये निवेश के लक्ष्य को पूरा करने के लिए इन्वेस्टर्स हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गई है।
इन्वेस्टर्स हेल्प डेस्क की मदद से कार्यालय में निवेशकों को सुविधा और सलाह दी जाएगी। इसके अलावा सरकार की ओर एमएसएमई 2022 और टेक्सटाइल एवं गारमेन्ट पालिसी 2023 के तहत निवेशकों के लिए तमाम तरह की योजनाएं लागू की गई हैं।
इसके साथ है स्टाम्प शुल्क में भी 100 प्रतिशत की छूट दी गई है और विस्तारीकरण एवं विविधीकरण के लिए भी स्टाम्प में छूट मिलेगी। वहीं समयबद्ध स्वीकृति, सिंगल विण्डो क्लियरेन्स, ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के तहत प्रक्रिया को और आसान किया गया है।
निवेश के आधार पर इकाईयों की चार श्रेणी बनाई गई हैं। वहीं 100 एकड़ से ज्यादा के निजी औद्योगिक पार्कों पर 50 करोड़ रुपए तक का अनुदान भी मिलेगा।