मुजफ्फरनगर। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और मातृ-शिशु मृत्युदर को कम करने के उद्देश्य से शुक्रवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रो पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवती की पांच जांच- अल्ट्रासाउंड, ब्लड प्रेशर, ब्लड टेस्ट, यूरीन टेस्ट, हीमोग्लोबिन की जांच की गई और उच्च जोखिम गर्भावस्था वाली महिलाओं की पहचान कर उन्हें उच्च चिकित्सा केन्द्रों पर रेफर किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. महावीर सिंह फौजदार ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर महिलाओं में जागरूकता देखने को मिल रही है। पहले की भांति गर्भवती की जांच का दायरा भी बढ़ा है और महिलाएं सरकारी स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ ले रही है। उन्होंने कहा - गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार प्रसव पूर्व जाँच बेहद जरूरी है, गर्भवती को जागरूक होने की जरूरत है।
नोडल अधिकारी एसीएमओ (आरसीएच) डा. राजीव निगम ने बताया -प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस पर दूसरी और तीसरी तिमाही की गर्भवती पर फोकस रहा। इसमें उच्च जोखिम गर्भवस्था वाली गर्भवती को चिन्हित किया गया। उनकी स्थिति के हिसाब से उन्हें उच्च स्वास्थ्य केन्द्र पर रेफर किया गया। उन्होंने कहा - गर्भवती महिलाओं को संतुलित और स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए, जिससे गर्भस्थ शिशु को भी बेहतर आहार मिलता रहे। गर्भावस्था के दौरान कम से कम 180 आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए ताकि रक्त अल्पता की बीमारी को दूर किया जा सके।
जिला कंसलटेंट (मातृत्व स्वास्थ्य) मौ. जुनैद ने बताया – शुक्रवार को जिले में सभी स्वास्थ्य केंद्रो पर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया। जिसमें 2361 महिलाओं की जांच हुई।