मुजफ्फरनगर। एआरटीओ कार्यालय फिर से दलालों के शिकंजे में फंस गया है। एआरटीओ कार्यालय के अंदर भी आम आदमी के रूप में प्रवेश कर अवैध रूप से ड्राइविंग लाइसेंस आदि बनवाये जाने के लिए लोगों से सम्पर्क किया जा रहा हैं। वहीं एआरटीओ कार्यालय के बाहर बनी दुकानों पर दिखावे के लिए फोटो स्टेट की मशीन रखकर गुमराह किया जा रहा हैं। एआरटीओ कार्यालय पर अपने कार्य को कराने के लिए जाने वालों में इस बात के भी चर्चे कुछ कम नही हैं कि अब एआरटीओ कार्यालय भ्रष्टाचार की जननी बन गई हैं, क्योंकि गरीब हो या अमीर वाहन चलाने के लिए सभी को लाइसेंस का होना आवश्यक होता हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए एआरटीओ कार्यालय पर पहुंचने वाले लोगों को अपनी चिकनी चुपड़ी बातों में फंसाकर चार गुना, पांच गुना तक पैसे ऐंठ लिए जाते हैं।
लाइसेंस बनवाने की सरकारी फीस लगभग एक हजार से डेढ हजार रूपये तक की हैं, जबकि दलालों द्वारा चार हजार से लेकर पांच हजार तक वसूले जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार एआरटीओ कार्यालय के अंदर व बाहर किसी भी दलाल का मौजूद होना वर्जित किया हुआ हैं, जिस पर पकड़े जाने के बाद जेल व जुर्माना आदि से दंडित किये जाने के सख्त निर्देश जिला प्रशासन द्वारा दिये गये हैं। जिला प्रशासन के निर्देशों को ताक पर रखते हुए दलालों द्वारा फिर से एआरटीओ कार्यालय को अपने शिकंजे में ले लिया गया है। ऐसा नहीं है कि एआरटीओ कार्यालय के किसी भी अधिकारी के दलाली का मामला संज्ञान में नहीं हैं। कहते हैं कि डेक्स के ऊपर लेने वाले रूपयों में वो आनंद नहीं जो डेक्स के नीचे से लेने मे आता है। यही कारण हैं कि एआरटीओ कार्यालय भ्रष्टाचार द्वारा दिन प्रतिदिन बढ़ावा दिया जा रहा हैं।