अयोध्या। वरासत दर्ज करने के लिए पांच हजार रुपये की घूस ले रहे लेखपाल को एंटी करप्शन टीम ने मंगलवार को मिल्कीपुर तहसील गेट के पास से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार लेखपाल बृजेश मीणा आदिलपुर के राजस्व गांव उरुवा वैश्य हलके में तैनात था। टीम उसे पूछताछ के लिए कैंट थाने लाई है। बताया गया कि राजस्व गांव उरुवा वैश्य निवासी रामचंद्र ने वसीयत के आधार पर दाखिल खारिज हेतु ऑनलाइन नामांतरण प्रार्थना पत्र दिया था।
जिसमें रिपोर्ट लगाने के लिए हलका लेखपाल बृजेश मीणा ने पांच हजार रुपये सुविधा शुल्क की मांग की। इस बात की लिखित शिकायत पीड़ित ने एंटी करप्शन विभाग को दी तो विभाग ने जाल बिछाया और मंगलवार को दोपहर करीब 12 बजे तहसील गेट के सामने एक जलपान की दुकान पर लेखपाल बृजेश मीणा को पीड़ित कृषक रामचंद्र से जरूरी दस्तावेज एवं पांच हजार रुपए देते रंगे हाथ पकड़ लिया।
गिरफ्तार कर टीम उसको अपने साथ लेकर कैंट थाने गई और वहां पर पूछताछ के बाद पकड़े गए लेखपाल के खिलाफ कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। भ्रष्टाचार में लेखपाल की गिरफ्तार को लेकर तहसील और आसपास चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। एंटी करप्शन विभाग के निरीक्षक धनंजय सिंह ने बताया कि किसान की लिखित शिकायत पर लेखपाल को सुविधा शुल्क लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है। कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवा अग्रिम विधिक कार्रवाई की जा रही है।
घूस लेने के आरोपी लेखपाल बृजेश मीणा का विवादों से पुराना नाता रहा है। उसकी पत्नी पुलिस विभाग में आरक्षी पद पर तैनात है और अक्सर वह रौब जमाने के लिए अपनी पत्नी को वर्दी में लेकर साथ घूमता था। आदिलपुर गांव निवासी एक अनाथ बालिका की भूमि पर दबंगों के अवैध कब्जे को हटवाने के मामले में इसकी हीलाहवाली सामने आई थी।
हालांकि मामला जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद प्रकरण में कार्रवाई हुई थी। पूर्व में रामपुर जोहन हलके में तैनाती के दौरान भी उस पर आरोप लगते रहे। अब भ्रष्टाचार में गिरफ्तारी के बाद तहसील लेकर चौक-चौराहों तक लोग तरह-तरह की चर्चाओं में जुट गए हैं।