एंटी करप्शन ने गाजियाबाद में जेई को 1 लाख रुपए रिश्वत लेते किया गिरफ्तार

Update: 2023-01-19 14:36 GMT
मेरठ। सरकारी विभागों से भ्रष्टाचार समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा है। गुरुवार को मेरठ की एंटी करप्शन की टीम ने गाजियाबाद के विकास भवन में अभियंत्रण विभाग आरईएस के जेई को रंगे हाथों रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। जेई ने मेरठ के कंस्ट्रक्शन ठेकेदार से 17 लाख का बिल पास कराने के लिए तीन लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी। एंटी करप्शन इंस्पेक्टर की ओर से थाना कविनगर में आरोपी जेई के खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज कराया गया है ।
मेरठ के मोदीपुरम निवासी राहुल गुप्ता ठेकेदार हैं श्री गणेश सीमेंट एजेंसी नाम से उनकी फर्म है। इस फर्म को गाजियाबाद में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजना के तहत नाली-खड़ंजे और सड़क बनाने के ठेके मिले हुए हैं। राहुल गुप्ता के अनुसार, मुरादनगर क्षेत्र में उन्होंने अप्रैल महीने में काम पूरा किया।
डीएम द्वारा गठित गुणवत्ता कमेटी ने इस काम की दो बार रिपोर्ट तक दी। इसके बावजूद उनका 17 लाख रुपए का एक बिल पास नहीं किया जा रहा था। ठेकेदार के मुताबिक, जेई सुभाष चंद्र शर्मा ने इस बिल को पास कराने की एवज में 3 लाख रुपए रिश्वत मांगी। एक लाख रुपए पर बात बन गई। जेई ने गुरुवार को रिश्वत के लिए ठेकेदार को बुलाया था।गाजियाबाद में विकास भवन के सामने कई सारी कैंटीन बनी हुई हैं। इसी कैंटीन में एक कुर्सी पर बैठे जेई सुभाष चंद्र शर्मा ने ठेकेदार राहुल को एक लाख रुपए रिश्वत लेकर बुलाया था। इधर, राहुल ने पहले ही एंटी करप्शन टीम को सूचित कर दिया था। पहले से बनाए गए जाल के मुताबिक, राहुल ने जैसे ही जेई को रकम थमाई, वैसे ही एंटी करप्शन यूनिट ने जेई को रिश्वत लेते रंगे हाथों धर दबोचा। टीम अब आरोपी जेई को कविनगर थाने में ले गई है। यहां उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।
ठेकेदार राहुल गुप्ता के अनुसार, इस विभाग में उनकी करीब 60 लाख रुपए की पेमेंट अटकी पड़ी है। प्रत्येक बिल पर रिश्वत वसूलने का रिवाज यहां पुराना है। वे करीब 3 साल से इसी तरह रिश्वत देकर अपना पेमेंट निकलवाते हैं। लेकिन अब वे ज्यादा तंग आ गए थे। राहुल का कहना है कि आज वे घर से ये कहकर निकले थे कि शायद वे लौटकर न आएं।

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