पिता की मृत्यु के बाद परिवार को मृत बताकर चाचा के नाम हुई संपत्ति

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां लेखपाल ने खतौनी में मृत दिखाकर विरासत किसी और के नाम कर दी

Update: 2022-08-05 11:51 GMT

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां लेखपाल ने खतौनी में मृत दिखाकर विरासत किसी और के नाम कर दी. अब युवती अपनी मां और भाई को जिंदा साबित करने के लिए राजस्व परिषद व मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कार्रवाई की गुहार लगा रही है. हालत कुछ ऐसे हैं कि पीड़ित परिवार के लोग जिंदा होने का अभिलेख लेकर अफसरों के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन मामले में अभी तक कोई सुनवाई नही हुई है.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, यह मामला फतेहपुर जिले के बिंदकी तहसील क्षेत्र का है. यहां दादनखेड़ा गांव की रहने वाली अनामिका सिंह पुत्री स्व. गुलाब सिंह ने राजस्व परिषद को भेजे पत्र में कहा है कि आठ दिसंबर 2019 को पिता गुलाब सिंह की मौत हो गई थी. 1 फरवरी 2021 को पिता की चल-अचल संपत्ति उसकी मां ममता देवी, भाई प्रिंस सिंह और उसके नाम दर्ज हो गई थी. 31 दिसंबर 2021 को हल्का लेखपाल सीताराम से मिलकर फर्जी अभिलेख तैयार कराकर स्व. गुलाब सिंह का कोई उत्तराधिकारी न दिखाकर उनकी चल-अचल संपत्ति की विरासत पारिवारिक चाचा नवाब सिंह के नाम दर्ज कर दी गई.
न्यायिक प्रक्रिया से होगा फैसला
मामले की जानकारी जब अनामिका सिंह और उनकी मां ममता देवी को हुई तो उन्होंने राजस्व परिषद और मुख्यमंत्री को डाक से शिकायती पत्र भेजकर खुद के जिंदा होने की गुहार लगाई. उपजिलाधिकारी अंजू वर्मा ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है. पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. जांच रिपोर्ट आने के बाद गलती करने वाले का उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार की लेखपाल ने पहले विरासत की थी. मगर बाद में नवाब सिंह ने गुलाब सिंह की पंजीकृत वसीयत दिखाकर नायब तहसीलदार जहानाबाद की कोर्ट से अपने पक्ष में फैसला कराया था. यह पूरी तरह से न्यायालय की प्रक्रिया है. यदि पीड़ित पक्ष को इस पर आपत्ति है तो वह अग्रिम अदालत में अपना पक्ष प्रस्तुत कर सकता है


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