लखनऊ। राजधानी के ठाकुरगंज स्थित संयुक्त चिकित्सालय टीबी अस्पताल विगत लंबे समय से विवादों के घेरे में चल रहा है। बता दें कि 21जून को चतुर्थ श्रेणी क र्मचारी सुशांत लंबे समय से नेत्र रोग विभाग में बतौर टेक्निसियन के पद परअस्पताल में कार्य को अंजाम दे रहा था।जिस पर आरोप लगे थे कि वह डाक्टर की भांति नेत्र रोगियों को आंखों में लेंस डालने के लिए बाहर का बढिया बताकर और अस्पताल का घटिया बताकर मरीजों को भ्रमित कर धन की वसूली करने के आरोप लगाये गये थे।
सूत्रो ने यहां तक बताया था कि सुशांत बतौर डाक्टर की तरह मरीजों से डील करता था। जिस पर स्वास्थ्य विभाग डीजी हेल्थ के द्वारा मामले को संज्ञान लेने के उपरांत तत्काल अस्पताल सीएमएस डां आनंद बोध ने निलबिंत कर दिया था।सुशांत पर लगे गंभीर आरोपो को अस्पताल प्रशासन ने सुशांत की कार्यशैली को दरकिनार करते हुए उसे पुन: अस्पताल में बतौर वार्ड व्वाय के पद पर नियुक्त कर दिया। उन्होंने यही जवाब दिया कि सुशांत को वार्ड व्वाय के पद पर शपथ पत्र लेकर नियक्ति दे गयी है।
अस्पताल द्वारा लिया गये निर्णय से सुशांत की कार्य शैली में कोई बदलाव हो सकता है। ऐसे कई सारे सवाल लोगों द्धारा उठाये जा रहे है।क्या सुशांत अपनी कार्यशैली में बदलाव करेगा। इसके पहले भी आरोप लगे थे कि सुशांत ने अस्पताल के सामने एक निजी मेडिकल स्टोर पर क्लिीनिक बनाकर नेत्र रोगियों को डील कर रहा था।देखना यह होगा कि सुशांत के लिए अस्पताल ने कोई निगरानी टीम बनाई या ऐसे ही शपथ पत्र के आधार पर वार्ड ब्वाय की जिम्मेदारी दे दी है। ऐसे ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लग पायेगा।