लखनऊ के होटल अग्निकांड में 22 इंजीनियर और अधिकारी दोषी करार

Update: 2022-09-06 17:11 GMT

लखनऊ । लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने लेवाना सूट होटल में लगी आग पर अपनी शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें बिल्डर के साथ मिलीभगत करने और अवैध निर्माण की अनदेखी करने पर 22 इंजीनियरों और जोनल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि होटल को अवैध रूप से बनाया गया था। इस होटल में सोमवार को लगी आग में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य झुलस गए।

एलडीए ने हजरतगंज थाने में बंसल कंस्ट्रक्शन के मुकेश जसनानी और उनके सहयोगियों के खिलाफ आवासीय भूखंड पर होटल चलाने के लिए एफआईआर भी दर्ज कराई है।

एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने घटना की जवाबदेही तय करने के लिए प्राधिकरण के सचिव पवन कुमार गंगवार की अध्यक्षता में जांच समिति का गठन किया और सोमवार देर रात रिपोर्ट सौंप दी गई।

शुरुआती जांच के बाद समिति ने घटना के लिए 2 जुलाई, 2017 से 'जोन 6' (जिसमें हजरतगंज भी शामिल है) में तैनात इंजीनियरों को जिम्मेदार पाया।

एलडीए जांच दल द्वारा आरोपित 22 इंजीनियरों/जोनल अधिकारियों में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर अरुण कुमार सिंह, ओपी मिश्रा (दोनों सेवानिवृत्त), सुपरिंगटेटिंग इंजीनियर जहीरुद्दीन और कमलजीत सिंह, अस्टिेंट इंजीनियर ओपी गुप्ता, राकेश मोहन, राधेश्याम सिंह, विनोद कुमार गुप्ता, अमर कुमार मिश्रा, नागेंद्र सिंह और इस्माइल खान शामिल हैं।

इसी तरह, जूनियर इंजीनियरों में राजीव कुमार श्रीवास्तव, जे.एन. दुबे, जेडी सिंह, रवींद्र श्रीवास्तव, उदयवीर सिंह, मोहम्मद इस्माइल खान, अनिल मिश्रा, पी.के. गुप्ता, सुशील कुमार वर्मा, अंबरीश शर्मा और रंगनाथ सिंह शामिल हैं।

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