लखनऊ (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एनआईए स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को आतंकी आतिफ मुजफ्फर और मोहम्मद फैसल को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही उन पर जुर्माना भी लगाया है। एटीएस और एनआईए की विशेष अदालत ने कानपुर में रिटायर्ड टीचर रमेश शुक्ला की हत्या के मामले में 4 सितंबर को आतंकी आतिफ और फैसल को दोषी करार दिया था। गुरुवार को दोनों की वर्चुअली पेशी हुई। न्यान्यमूर्ति दिनेश चंद्र मिश्रा की कोर्ट ने दोनों पर जुर्माना भी लगाया है। सरकारी वकील बृजेश कुमार यादव ने बताया कि तीन अलग-अलग धाराओं 302 में फांसी, 120बी में फांसी, 16 यूएपीए में फांसी और चौथे 18 यूएपीए में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।
वकील कौशल किशोर शर्मा ने कहा, "मैंने मृत्युदंड देने की मांग करते हुए कोर्ट में कहा कि इन दोनों ने एक निर्दोष अध्यापक की केवल उनके हाथ में बंधे कलावा और माथे पर तिलक देखकर हत्या की थी। जहां अच्छा इंसान बनने की शिक्षा दी जाती है, वहां जिहाद पर चर्चा का माहौल बनाया। इनका अपराध रेयर व रेयरेसट की श्रेणी मे आता है। इसके आधार पर कोर्ट ने मृत्युदंड दिया।"
जुर्माने की सारी रक़म मृतक रमेश शुक्ला के आश्रितों को देने का आदेश दिया है। साथ ही ज़िला मजिस्ट्रेट लखनऊ को आदेश दिया कि वह रमेश शुक्ला के परिजनों की पहचान सुनिश्चित करे, जिससे उन्हें क्षतिपूर्ति की धनराशि दी जा सके। इसके पहले आरोपी आतिफ़ मुजफ्फर और मोहम्मद फ़ैसल को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के ज़रिए जेल से कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की। दोनों आतंकियों के खिलाफ कानपुर जनपद के चकेरी के रहने वाले अक्षय शुक्ला ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट चकेरी थाने में दर्ज की गई थी, जिसके मुताबिक 24 अक्टूबर 2016 को स्कूल से घरआ रहे रमेश शुक्ला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मार्च 2017 को एक अन्य रिपोर्ट विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के अंतर्गत मध्यप्रदेश के उज्जैन थाना जीआरपी में ट्रेन के गार्ड द्वारा अज्ञात लोगों के विरुद्ध दर्ज करवाई गई थी। मामले में आतंकियों की संलिप्ता को देखते हुए इस मामले की जांच एटीएस को सौंपी गई। एटीएस ने फिर से मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
जांच के दौरान दो अभियुक्त भोपाल व कानपुर से गिरफ्तार किए गए थे। 7 मार्च 2017 को एटीएस सूचना मिली कि उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट की साजिश में शामिल रहा इस्लामिक स्टेट का आतंकी काकोरी रोड के पास एक मकान में रह रहा है। सूचना पर एटीएस और पुलिस ने दबिश दी। वहां मुठभेड़ के बाद आतंकी सैफुल्लाह पुलिस की गोली से मारा गया। इस दैरान एटीएस को सैफुल्लाह के घर से काफी मात्रा में हथियार,गोला-बारूद के साथ ही आपत्तिजनक समान मिला था। इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। जांच के दौरान एनआईए को पता चला कि सैफुल्लाह के घर से जो हथियार बरामद हुए थे, उनका प्रयोग कानपुर के शिक्षक की हत्या समेत अन्य अपराध में भी हुआ है।
एनआईए के विशेष लोक अभियोजक एम.के. सिंह, के.के. शर्मा और बृजेश कुमार यादव ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट वादी अक्षय शुक्ला ने कानपुर के चकेरी थाने में 24 अक्टूबर 2016 को दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया था की वादी के पिता रमेश शुक्ला स्वामी आत्म प्रकाश ब्रह्मचारी जूनियर हाईस्कूल में तीस साल से शिक्षक थे।