वाराणसी (ब्यूरो)। सीमा विस्तार होने के बाद सूजाबाद और रामनगर को नगर निगम वाराणसी की सीमा में शामिल कर लिया गया है। इसके तहत नगर निगम के राजस्व विभाग द्वारा इन दोनों के सीमा क्षेत्रों में लगातार सर्वे किया जा रहा है। इसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की जा रही है कि इन एरिया में आने वाले तालाबों का क्या हाल है। इसी संबंध में अब तक नगर निगम द्वारा 84 गांवों में से 59 गांवों का लेखपाल के माध्यम से सर्वे करवाया जा चुका है। इसमें विशालकाय आकार से से लेकर तमाम तरीके के आकारों वाले कुल 41 तालाब मिले हैैं। इनमें 25 तालाब जिंदा हैैं तो 16 मुर्दा। यही नहीं 18 तालाबों पर दबंगों द्वारा अतिक्रमण करके कब्जा कर लिया गया है। ऐसे में इन तालाबों को चिन्हाकन करते हुए अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए नगर निगम के लिए एक चुनौतीपूर्ण मसला होगा। ऐसे में नगर निगम की टीम अभी से डाटा जुटाने में लग गई है कि इन तालाबों पर कैसे और किस प्रकार से अतिक्रमण कर लिया गया है और इनको कैसे आजाद कराया जाए.
नए गांवों के सर्वे के दौरान पहले के नियम एव मौजूदा नियम के अनुसार 4 तालाबों का अब तक सीमांकन भी नहीं हो सका है, जोकि नगर निगम से लेकर नगर पालिका दोनों की कार्यशैली पर सवाल पैदा करता है। साथ ही इन इलाकों में ही नगर निगम की सर्वे टीम को 16 जिंदा तालाब मिले हैं। इसमें कुछ में पानी है, कुछ खाली है और कुछ में जलकुंभी भी लगी हुई है.
नगर निगम की सीमा में विलय के बाद इन क्षेत्रों के अंदर मिलने वाले तालाबों को नगर निगम प्रशासन पूरी तरीके से संरक्षित करने का प्रयास करेगा। दरअसल, सरकार की अमृत सरोवर योजना के तहत तालाबों के संरक्षण की जिम्मेदारी नगर निगम की है। ऐसे में नगर निगम राजस्व टीम इन तालाबों का चिन्हाकन करते हुए अतिक्रमण से बचाने के लिए इनके आसपास बोर्ड लगवाते हुए इनकी घेराबंदी करेगी.
अब तक इन क्षेत्रों में नगर पालिका की प्रणाली होने के नाते तालाबों के संरक्षण और रखरखाव की जिम्मेदारी पूरी तरीके से ग्राम प्रधानों की होती थी, जोकि नये निकाय चुनाव के बाद नगर निगम प्रशासन इसे पार्षदों की भूमिका में रखने का एलान कर सकता है। इन एरिया के निर्वाचित पार्षद तालाबों का मानिटरिंग करते हुए रखरखाव करते हुए नगर निगम को समय समय पर सूचित भी करते रहेंगे.
नगर निगम करेगा कार्रवाई
नगर निगम के राजस्व विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सीमा विलय एवं निकाय चुनाव के उपरांत जिन तालाबों पर अतिक्रमण हुआ है उनको मुक्त कराने का प्रयास किया जायेगा। सबसे पहले कब्जाधारियों से खाली करवाने के लिए उनको नोटिस दी जायेगी। इसके बाद भी उनके द्वारा खाली नहीं करने पर उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जायेगी.