57 साल से हो रही बल्ली की पूजा

Update: 2022-09-25 13:05 GMT
झुंझुनू चिड़ावा शहर में रामलीला के आयोजन की तैयारियां अंतिम चरण में है। शहर के गांधीचौक के पास साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया मार्ग स्थित डालमियों के नोहरे में गुरुवार को रामलीला का मंच निर्माण कार्य का शुभारंभ हुआ। पण्डित रमेश कोतवाल ने सबसे पहले गणेश पूजन करवाया। इस दौरान श्रीरामलीला परिषद के संरक्षक बैजनाथ मोदी, मोतीलाल शर्मा, अध्यक्ष प्रमोद अरड़ावतिया, सचिव सुशील पदमपुरिया, कोषाध्यक्ष सुरेश डालमिया, सांस्कृतिक निदेशक महेश शर्मा धन्ना, बैक स्टेज निदेशक किशोर कुमार नायक आदि ने बल्ली पूजन भी किया। मंच निर्माण से पूर्व बल्ली पूजन कि परम्परा रामलीला के 57 साल से जारी है। माना जाता है कि ये बल्लिया ही पूरे मंच का आधार होती है। ऐसे में वास्तु देव के रूप में इनका पूजन सबसे महत्वपूर्ण माना जता है। बल्ली के मौली बांधी जाति है और स्वास्तिक बनाने के बाद गड्डे में तेल, मूंग, चावल और शगुन का सिक्का डालने के बाद बल्ली रोपण कि परम्परा निभाई जाती है। इसके बाद इंद्र देव की प्रसन्नता के लिए नारियल खेजड़ी के पेड़ पर बंधवाया गया। बाद में विधिवत जय श्री राम के जयकारों के मध्य मंच के लिए पहली बल्ली रोपी गई। इसी के साथ मंच निर्माण का कार्य शुरू हो गया।
मंच पूजन के दौरान दौरान संजय दाधीच, रवि भारतीय, सुनील सैनी, सुभाष पंवार, बुधराम वर्मा, भूपेंद्र दायमा, अक्षित शर्मा, अंकित डालमिया, सुभाष धाबाई, सहित बड़ी संख्या में रामलीला के कलाकार और गणमान्यजन मौजूद रहे। महेश धन्ना ने बताया कि 26 सितंबर को गणेश पूजन, नारद मोह व रावण जन्म की लीला के साथ मंचन शुरू होगा और दशहरे के दिन भव्य जुलूस निकाला जाएगा। इस दिन रावण का विशाल पूतला भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। सम्भवतः बागर में पूतला दहन कार्यक्रम होगा और एकादशी को राम राज्याभिषेक व राजा हरिश्चंद्र नाटक के मंचन के साथ लीला का विधिवत समापन होगा।

न्यूज़ क्रेडिट: aapkarajasthan

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