प्रतापगढ़ में मनाया गया विश्व आदिवासी दिवस, गाजे-बाजे के साथ निकाला जुलूस
प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर बुधवार को जिले भर में आदिवासी समाज की ओर से विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस मौके पर काशान गांव से हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यालय पहुंचे और अपने पुराने वाद्ययंत्रों और वेशभूषा के साथ जमकर नृत्य किया. आदिवासी समुदाय के लोग मुख्यालय पहुंचे और अपने पुराने वाद्ययंत्रों और वेशभूषा के साथ जमकर नृत्य किया. शहर के हाई स्कूल मैदान में भील प्रदेश मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारियों द्वारा आम सभा का भी आयोजन किया गया. जिसमें आदिवासी समुदाय के लोगों से अपने अधिकारों के प्रति सचेत एवं जागरूक रहने का आह्वान किया गया। दो घंटे तक शहर में जाम रहाशहर में 50 हजार से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग जुटे. जिसके चलते नेशनल हाईवे पर करीब एक से डेढ़ घंटे तक जाम की स्थिति बनी रही।
लेकिन कोतवाली पुलिस ने अपनी सूझबूझ से चौराहों पर ज्यादा देर तक जाम नहीं लगने दिया। शहर में शांति एवं कानून व्यवस्था को लेकर जगह-जगह पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। जिले भर में आदिवासी समाज की महिलाएं और पुरुष रंग-बिरंगे परिधान और पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ तीर-धनुष में नजर आए। इस दौरान उन्होंने आदिवासी वाद्ययंत्रों के साथ जमकर डांस भी किया। प्रतापगढ़ में अंबावली सेक्टर के जाखमिया आंगनबाड़ी केंद्र पर स्तनपान सप्ताह आईपीई ग्लोबल तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वाधान में मनाया गया। स्तनपान सप्ताह हर वर्ष 1 से 8 अगस्त के मध्य मनाया जाता है, कार्यक्रम की शुरुआत महिला पर्यवेक्षक प्रभावती जैन के द्वारा करते हुए सभी महिलाओ को जन्म के बाद स्तनपान कराने के बारे में, माता के द्वारा शिशु को दूध पिलाने के सही तरीके व स्तनपान के लाभ के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया की जन्म के तुरंत बाद एक घंटे के भीतर शिशु को मां का गाढ़ा पिला दूध पिलाना चाहिए। साथ ही साथ शिशु को जन्म से लेकर 6 माह तक सिर्फ और सिर्फ माँ का दूध ही पिलाना चाहिए।