पाली। आटा-साटा में शादी एक महीने भी नहीं टिक पाई. इसको लेकर पंचों ने बैठक बुलाई. इस दौरान जब शिकायतकर्ता ने पंचों की बात का जवाब दिया तो पंचों ने इसे अपना अपमान मानते हुए उसे समाज से बहिष्कृत करने का आदेश जारी कर दिया और समाज में वापस लेने के लिए 10 लाख रुपये का जुर्माना मांगा. इस पर पीड़ित परिवादी ने न्यायालय के माध्यम से सादड़ी थाने में पंचों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. पुलिस जांच में जुटी है. सादड़ी थानाप्रभारी लक्ष्मण चौधरी ने बताया कि सादड़ी के बगेची का झूपा निवासी मूलाराम पुत्र खेताराम जाट ने न्यायालय के माध्यम से रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि 25 जुलाई 2023 को रहींगराम के बेटे भंवर और बेटी अंशी की शादी गुड़ा जाटान के सादड़ी के बगेची झूपा निवासी गजरोदेवी के बेटे रूपाराम और बेटी लीला से हुई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि राहिंगराम अपनी बेटी अंशी को ससुराल नहीं भेज रहा था और बहू लीला को नहीं ले जा रहा था. इस पर निर्णय लेने के लिए गुड़ा जाटान में रहिंगाराम के घर पर बैठक हुई. जिसमें सादड़ी निवासी गजरो देवी को भी बुलाया गया था। इस पर गजरो देवी व उसका पुत्र रूपाराम उसके घर आए और उसे अपने साथ पंचायती में ले गए। जहां गजरोदेवी को आवेश में हुई इस शादी को तोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। और पंचों ने इसे न तोड़ने पर भारी जुर्माना लगाने की धमकी दी. इसे लेकर उन्होंने पंचों से विरोध जताया. इस पर वे क्रोधित हो गये और उन्हें समाज से बहिष्कृत करने का आदेश जारी कर दिया। जब वहां बैठे अन्य लोगों ने इसका विरोध किया तो उन्हें समाज से बहिष्कृत करने की चेतावनी भी दी गयी. और पंचों ने कहा कि अगर दोबारा समाज में शामिल होना है तो 10 लाख रुपए समाज में जमा कराने होंगे और पंचायती बुलानी होगी. उसके बाद निर्णय लेंगे. इतना कहकर पंचों ने उसे बैठक से बाहर निकाल दिया। 10 अगस्त को दिव्यांग प्रार्थी मूलाराम जाट की रिपोर्ट पर सादड़ी थाना पुलिस ने पंच रामलाल पुत्र समाराम जाट, भीमाराम पुत्र मालाराम जाट, मोहन पुत्र गेनाराम जाट व मांगीलाल पुत्र के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। सादड़ी निवासी भुटाराम जाट।