नई दिल्ली: राजस्थान के घटनाक्रम से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi ) आहत है ! विधि का ये कैसा विचित्र विधान ? जिस राजस्थान पर सबसे ज्यादा भरोसा था. संकट की हर घड़ी में वे गहलोत (ashok gehlot) के राजस्थान की ओर देखते थे. उसी राजस्थान से जाने अनजाने में आलाकमान का सार्वजनिक अपमान हुआ. इस अवसर का लाभ उठाकर अब दिल्ली में गहलोत विरोधी सक्रिए हुए हैं और आलाकमान को राष्ट्रपति शासन तक लगवाने की सलाह दे डाली.
इसी बीच आज शांति धारीवाल और महेश जोशी के खिलाफ कोई बड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही हो सकती है. और इस प्रकार अब राजस्थान कांग्रेस और आलाकमान के बीच सीधे टकराव की संभावनाएं बन रही है. कुछ लोग बागी विधायकों को एक रीजनल पार्टी बना लेने का सुझाव दे रहे हैं. लेकिन फिलहाल हालात इतने खराब नहीं हुए है. दूसरी ओर आलाकमान हर स्थिति का सामना करने को लिए तैयार है.
अब शायद ही अशोक गहलोत लड़े कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव!
वहीं दूसरी ओर अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) अब शायद ही कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव (Congress President Election) लड़े! एक तरफ गहलोत खुद राजस्थान छोड़कर जाने के मूड में नजर नहीं आ रहे तो वहीं दूसरी तरफ अब आलाकमान में भी उनके प्रति कोई उत्साह नहीं रहा है. इसलिए गहलोत के अलावा किसी और नाम पर विचार हो सकता है. इस बारे में आज शाम तक अंतिम फैसला होने की संभावना जताई जा रही है. दूसरी तरफ कांटों के इस ताज को पहनने के लिए आसानी से कोई तैयार नहीं होगा.
न्यूज़क्रेडिट: firstindianews