जयपुर। प्रदेश में साइबर ठगी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जयपुर के जयपुर एयरपोर्ट थाने में मामला दर्ज किया गया है। जालसाज ने पांच बार में दो बैंक खातों से करीब पांच लाख रुपये निकालने शुरू कर दिए, लेकिन नेटवर्क नहीं होने के कारण हर बार ट्रांजैक्शन फेल हो गया। पीड़ित पक्ष के पांच लाख रुपए बच गए, लेकिन उसके बाद भी करीब 90 हजार रुपए साफ हो गए। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। एयरपोर्ट पुलिस ने बताया कि ऐसा मामला पहली बार सामने आया है। पुलिस ने बताया कि मालवीय नगर निवासी 65 वर्षीय दामोदर लाल का क्षेत्र में ही स्थित एसबीआई बैंक शाखा में खाता है।
उन्होंने अपने बैंक खाते के माध्यम से अपने नंबर पर यूपीआई सुविधा को सक्रिय कर दिया है। इसके जरिए उन्होंने करीब 13 हजार रुपए के हर्बल उत्पाद ऑर्डर किए थे। यूपीआई के जरिए पैसे कट गए लेकिन आगे नहीं पहुंचे। फिर खाते में भी नहीं आया। ऐसे में जब गूगल पर हेल्पलाइन नंबर लेकर मदद के लिए किसी नंबर पर बात की तो नंबर पर बात कर रहे व्यक्ति ने खुद को बैंक का कर्मचारी बताया। उसने अलग-अलग बैंक खातों की डिटेल मांगी और ऐनी डेस्ट डाउनलोड करने के बाद पांच बार ओटीपी मांगा। पांच बार में दो बैंक खातों से करीब पांच लाख निकालने का प्रयास किया।
हर बार ट्रांजेक्शन फेल होने पर ठग दूसरे तरीके से खाते से पैसे निकालने की तैयारी कर लेता था। इस बार ठग कामयाब हो गया। खाते से दो बार करीब नब्बे हजार रुपए निकाले गए। करीब 13 हजार रुपये मांगने वाले दामोदर मीणा के खाते से करीब नब्बे हजार रुपये और निकाल लिये गये। इसकी जानकारी पुलिस को हुई तो ठगों का तरीका जानकर पुलिस भी दंग रह गई। बाद में पुलिस ने मामला दर्ज किया और अब जांच जारी है।